-प्रो सोनिया नित्यानंद ने किया तीन दिवसीय आईएसपीसीकॉन -2023 का उद्घाटन
-प्रो वीरेन्द्र रस्तोगी और प्रो अनिल अग्रवाल को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति के साथ ही डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक का दायित्व सम्भाल रहीं प्रो सोनिया नित्यानंद ने कहा है कि पेन मेडिसिन का कार्य अत्यन्त सराहनीय है, इस विधा को आगे बढ़ाने के लिए मुझसे जो होगा, मैं करूंगी, उन्होंने उम्मीद जतायी है कि केजीएमयू और लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, दोनों ही संस्थानों में शीघ्र ही पेन मेडिसिन में डीएम का कोर्स प्रारम्भ होगा। प्रो सोनिया ने यह विचार आज 15 दिसम्बर को यहां केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेन्शन सेंटर में शुरू हुए तीन दिवसीय आईएसपीसीकॉन -2023 का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में व्यक्त किये।
प्रो सोनिया ने कहा कि ऐनेस्थीसिया की मुख्य भूमिका किसी भी सर्जरी को बिना दर्द किये जाने की है। ऐसी विधा में बिना सर्जरी दर्द निवारण की दिशा में जो कार्य हो रहे हैं, वे निश्चित ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मैंने कैंसर के मरीजों का इलाज किया है और उनके दर्द को समझती हूं, इस भीषण दर्द को दूर करने में पेन मेडिसिन महत्वपूर्ण भूमिका रहा है, यह मरीजों के हित में काफी संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि इस कॉन्फ्रेंस में कैडवरिक वर्कशॉप होगी जिसमें अल्ट्रासाउंट एंडोस्कोपी और स्पाइनल एंडोस्कोपी के जरिये इनवेसिव प्रक्रिया से पेन मैनेजमेंट के बारे में प्रतिभागियों को सिखाया जायेगा।
इससे पूर्व सुरीली आवाज में सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसके पश्चात कॉन्फ्रेंस के आयोजन अध्यक्ष केजीएमयू के एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो जीपी सिंह ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि दूर-दूर से आये हुए अतिथियों का पहले आप-पहले आप भरी मनुहार वाले इस ऐतिहासिक शहर में बहुत स्वागत है। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में कुलपति से अनुरोध किया कि वर्तमान में केजीएमयू में पेन मेडिसिन यूनिट एक छोटी सी जगह पर कार्य कर रहा है, इसे और विस्तारित करने की आवश्यकता है।
एसजीपीजीआई में पेन मेडिसिन कॉन्सेप्ट लाने वाले प्रोफेसर अनिल अग्रवाल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा उनकी 2006 में ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी, उन्होंने कहा कि पोस्ट ऑप यानी सर्जरी के बाद में उन्हें काफी दर्द महसूस हुआ था। इसके बाद से इस दिशा में कुछ करने की ठानी। उन्होंने कहा कि संस्थान में पेन मैनेजमेंट क्लीनिक शुरू करना इतना आसान नहीं था, हमें कुछ भी पता नहीं था कि इसे कैसे शुरू किया जाये, इस कार्य के लिए कैसे ओटी मिलेगी वगैरह-वगैरह, कुल मिलाकर तमाम तरह की दिक्कतें थीं। उन्होंने कहा कि आज जब इस यूनिट को देखता हूं तो बहुत खुशी होती है। उन्होंने कहा कि इस विधा में नये-नये कोर्स शुरू किये जाने की आवश्यकता है।
इंडियन सोसाइटी ऑफ पेन क्लीनिशियंस के संस्थापक वाराणसी से आये प्रो वीरेन्द्र रस्तोगी ने पेन मेडिसिन के लाभों के बारे में बताते हुए इसे आगे बढ़ाने के लिए कार्य किये जाने पर जोर दिया। इंडियन सोसाइटी ऑफ पेन क्लीनिशियंस के अध्यक्ष प्रो वीके मोहन और सचिव प्रो अनुराग अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये जबकि कॉन्फ्रेंस की आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ सरिता सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया तथा प्रो सोनिया नित्यानंद ने प्रो वीरेन्द्र रस्तोगी और प्रो अनिल अग्रवाल को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हेमलता और डॉ मनीष कुमार सिंह ने किया।