-इप्सेफ और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने की ब्रजेश पाठक से मुलाकात
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के मंत्री उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने, नियम विरुद्ध हुए स्थानांतरण को निरस्त करने तथा प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों को जबरन रिलीव करने से रोकने जैसे मुद्दों पर कार्यवाही करने का आश्वासन देते हुए कर्मचारियों से अपेक्षा की है कि वे अस्पतालों में व्यवस्था सुधार के लिए अपने सुझाव दें।
डिप्टी सीएम ने यह आश्वासन आज राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल को विस्तार से चर्चा करने के बाद दिया। यह प्रतिनिधिमंडल उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आमंत्रण पर वार्ता के लिए पहुंचा था।
यह जानकारी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने दी।प्रतिनिधिमंडल में इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.पी. मिश्र, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ प्र के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा महामंत्री, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उमेश मिश्रा, उत्तर प्रदेश लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश रावत, इंडियन डेंटल हाइजीनिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री राजीव तिवारी,महामंत्री प्रोवेंशियल फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन अनिल चौधरी, अध्यक्ष एक्स रे टेक्नीशियन एसोसिएशन राम मनोहर कुशवाहा, नेत्र सहायक कर्मचारी संघ के जी एम सिंह आदि शामिल थे।
उप मुख्यमंत्री श्री पाठक ने कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से कहा कि अस्पतालों में व्यापक सुधार लाने के उपाय सुझाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्याएं को हम प्राथमिकता से हल कर रहे हैं, बहुत सी समस्याओं का हल किया भी है।अतुल मिश्रा ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कुछ पदाधिकारियों के स्थानांतरण अभी तक निरस्त नहीं हुए हैं। इसी में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष /मंत्री के स्थानांतरण भी निरस्त नहीं हुए हैं ।जबकि उनके आदेश किए जा चुके हैं।कतिपय शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के प्रस्तर से आच्छादित नियम विरुद्ध किये गये स्थानांतरण की सूची का ज्ञापन पुनः दिया गया है।
सुरेश रावत ने बताया कि कई मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल स्टाफ को स्वास्थ्य विभाग में वापस किया जा रहा है,जबकि ज़िला अस्पताल को उच्चीकरण के समय तीन वर्ष तथा विकल्प लेकर पांच वर्ष तक प्रतिनियुक्ति पर लेने का शासनादेश निर्गत किया गया था । मध्य सत्र व समय पूर्व कार्यमुक्त करने से ऐसे मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था चरमरा जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह राम मनोहर लोहिया संस्थान के कार्यरत पैरामेडिकल कर्मियों को भी वापस किया जा रहा है। अनुभवी स्टाफ के वापस हो जाने से चिकित्सा व्यवस्था ,पोस्टमार्टम आदि सेवाएं नहीं हो पाएंगी।अतुल मिश्रा ने ज्ञापन में बताया कि डिप्लोमा फार्मासिस्ट,लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक संवर्ग की वेतन विसंगतियां 4 वर्ष से लंबित हैं जिन्हें तत्काल दूर किया जाना अति आवश्यक है। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा।
श्री पाठक ने कहा कि परिषद से जुड़े सभी संगठनों की वेतन विसंगतियां एवं शेष बचे पदाधिकारियों /कर्मचारियों के स्थानांतरण निरस्त करने का वे पहले भी आदेश कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को आज ही आदेश भेज कर कर्मचारी संगठनों के हित में फैसला कराएंगे।श्री पाठक ने वी पी मिश्र एवं परिषद के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का उनके पक्ष में फैसला कराएंगे, साथ ही उनसे अपेक्षा की कि अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने में पूरा सहयोग प्रदान करें, सरकार उनकी समस्याओं पर उनके पक्ष में फैसला कर आपसी सद्भाव बढ़ायेगी।