-केजीएमयू के कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडॉन्टिक्स विभाग ने आयोजित किये दो दिवसीय मास्टर क्लास
-एडनबर्ग से आये डॉ वी गोपी कृष्णा ने प्रतिभागियों को समझायीं डीओएम से उपचार की बारीकियां
सेेहत टाइम्स
लखनऊ। रूट कैनाल ट्रीटमेंट में डेन्टल ऑपरेटिंग माइकोस्कोप (DOM) का उपयोग अत्यंत लाभकारी है। इस उपकरण के प्रयोग पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडॉन्टिक्स विभाग द्वारा आयोजित दो-दिवसीय मैग्निफिकेशन मास्टर क्लास में एडनबर्ग से आये एंडोडॉन्टिक्स के प्रमुख विशेषज्ञ व इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एंडोडॉन्टिक्स एसोसिएशन के सचिव तथा इंडो एंडोडॉन्टिक्स सोसाइटी और इंडियन बोर्ड ऑफ एंडोडॉन्टिक्स के महासचिव डॉ वी गोपी कृष्णा ने प्रतिभागियों को माइक्रोस्कोप से रूट कैनाल ट्रीटमेंट की बारीकियां समझायीं। इस कार्यकम ने 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें अन्य राज्यों के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिभागी भी शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पहले दिन डेन्टल ट्रीटमेन्ट के लिए (DOM) प्रभावी उपयोग पर एक जानकारीपूर्ण लेक्चर और लाइव डेमोंस्ट्रेशन का आयोजन किया गया। मास्टर क्लास का उद्देश्य रूट कैनाल ट्रीटमेन्ट में माइकोस्कोप की उपयोगिता को बढ़ाना है। डॉ वी गोपी कृष्णा ने कहा कि डेंटल ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप एक विशेष उपकरण है, जो दांत के अंदर की जटिल संरचनाओं को विस्तृत रूप से देखने की सुविधा प्रदान करता है। रूट कैनाल, फिलिंग और जटिल दांत सर्जरी जैसी उपचार प्रक्रियाओं के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस माइक्रोस्कोप द्वारा प्रदान की गई बढ़ी हुई दृश्यता चिकित्सकों को छोटे कैनाल और नाजुक संरचनाओं का पता लगाने और उन्हें ठीक करने में मदद करती है, जो कि साधारण स्थिति में मुश्किल होती है। उन्होंने बताया कि इस सटीकता में सुधार से उपचार अधिक प्रभावित होते हैं और जटिलताओं की संभावना कम होती है। अंतत मरीजों के लिए बेहतर परिणाम मिलते हैं जिसमें दीर्घकालिक दांत स्वास्थ्य और कार्य क्षमता में सुधार शामिल है।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति डॉ सोनिया नित्यानंद, उपकुलपति अपजित कौर, फैकल्टी ऑफ डेन्टल साइंस के एक्टिंग डीन डॉ शादाब मोहम्मद, अतिथि भारतीय एंडोडॉन्टिक्स सोसाइटी के अध्यक्ष और इंडियन बोर्ड ऑफ एंडोडॉन्टिक्स के निदेशक डॉ संजय मिगलानी और मुख्य वक्ता डॉ डॉ वी गोपी कृष्णा द्वारा किया गया। समारोह के आयोजन में कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एवं एंडोडॉन्टिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो प्रोमिला वर्मा के मार्गदर्शन में विभाग के एक्टिंग हेड डॉ राकेश कुमार यादव के साथ आयोजन सचिव डॉ प्रज्ञा पाण्डेय, सह आयोजन सचिव डॉ रमेश भारती की सक्रिय भागीदारी रही।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि इस कार्यशाला से न केवल प्रतिभागियो को फायदा होगा बल्कि डेन्टल फैकल्टी की एआईआरएफ की रैंकिंग में भी सुधारा होगा। उन्होंने कहा कि डेंटिस्ट्री को अपडेट करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिये।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि इस कार्यशाला से न केवल प्रतिभागियो को फायदा होगा बल्कि डेन्टल फैकल्टी की एआईआरएफ की रैंकिंग में भी सुधारा होगा। उन्होंने कहा कि डेंटिस्ट्री को अपडेट करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिये।