-संयुक्त आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संयुक्त आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने मांग की है कि लोक सेवा आयोग द्वारा जारी नर्सिंग स्टाफ की विज्ञप्ति में संविदा नर्सिंग कर्मचारियों की भांति आउटसोर्सिंग स्टाफ नर्स को भी छूट दी जानी चाहिए। संयुक्त आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात कर कई और मांगों को रखा।
यह जानकारी देते हुए महामंत्री सच्चिता नन्द ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने कहा कि जिस प्रकार संविदा की नर्सों को आयोग द्वारा छूट दी जाती है उसी प्रकार आउट सोर्सिंग वाली नर्सों को भी छूट देनी चाहिये। प्रतिनिधिमंडल में सच्चिता नन्द ने राज्यपाल को अवगत कराया कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग व्यवस्था के अंतर्गत 8 से 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाता है तथा सेवा प्रदाता फर्म द्वारा वर्षों का करोड़ों रुपए वेतन घोटाला कर दिया जाता है। इसके अतिरिक्त अल्पावधि की नौकरी, युवाओं से धन उगाही, ईपीएफ, ईएसआई में चोरी की जाती है इसलिए आउटसोर्सिंग व्यवस्था बंद कर एनआरएचएम की भांति सिंचाई विभाग में संविदा पर कर्मचारी तैनात किए जाएं क्योंकि अभी ग्राम पंचायत सचिवालय में भी कर्मचारी संविदा पर तैनात किए जा रहे हैं।
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी करवाए जाने की बात भी रणजीत सिंह यादव ने रखी। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल, प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा तथा डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की इकाई के अध्यक्ष रणजीत सिंह यादव मौजूद रहे।