-चयनित अध्यापकों का वेतन रोकना नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध
लखनऊ। डॉ महेंद्र नाथ राय प्रदेशीय मंत्री/ प्रवक्ता उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एवं प्रत्याशी लखनऊ खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र ने शासन से मांग की है कि लखनऊ जनपद के 89 शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का जो वेतन जनवरी माह से रोका गया है उसे तत्काल जारी किया जाए। इस सम्बन्ध में डॉ राय ने मुख्यमंत्र, उप मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि इस सम्बन्ध में जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित कर वेतन का शीघ्र भुगतान कराया जाये।
डॉ० महेन्द्र नाथ राय ने बताया कि कई कालेजों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का वेतन मृत पद पर नियुक्त होने का आरोप लगाकर जनवरी माह से ही रोक दिया गया था जबकि शासन एवं न्यायालय द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है कि जांच करते हुए कर्मचारियों का वेतन नहीं रोका जाएगा। कर्मचारियों का वेतन रोकना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। पद मृत है या जीवित इसका ज्ञान आवेदन करने वाले को कैसे होगा? उन्होंने तो आवेदन किया, चयनोपरान्त वे कार्य कर रहे थे और उनको वेतन भी मिल रहा था लेकिन जनवरी माह से उनका वेतन तथाकथित शिक्षक संगठनों के द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर रोक दिया गया था।
डॉ राय ने कहा कि इसके लिए मेरे द्वारा तथा प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा पहले भी मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, शिक्षा निदेशक माध्यमिक, सचिव माध्यमिक, को पत्र लिखा गया था एवं कई बार दूरभाष से वार्ता भी हुई थी। आज पुनः मेरे द्वारा सचिव मुख्यमंत्री, सचिव माध्यमिक शिक्षा, अनुभाग अधिकारी, संयुक्त सचिव, निदेशक माध्यमिक, तथा संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ से वार्ता हुई इन लोगों ने आश्वासन दिया है कि वेतन जल्द से जल्द निर्गत कर दिया जाएगा। शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं द्वारा इस कोरोना महामारी में जो परेशानियां झेली गई उसके अन्त का समय आ गया है। कुछ तथाकथित शिक्षक नेता भी जिनका कार्य ही रहता है शिक्षकों को परेशान करना, इसमें बेनकाब हो गए हैं। इसलिए सही कहा गया है कि “सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं।”