-शासन से निर्देश जारी, स्थानीय स्थिति को देखते हुए लिया जायेगा फैसला
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोविड-19 के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को भौतिक रूप से खुले रखने अथवा बंद करने का फैसला संस्थान के कुलपति की संस्तुति पर जिले के डीएम पर छोड़ दिया है, जिलाधिकारी जिले की परिस्थिति को देखकर इस पर निर्णय करने के लिए स्वतंत्र है।
उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग की ओर से आज प्रदेश के सभी सरकारी एवं प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कुलपतियों तथा उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को इस संबंध में पत्र भेजा गया है पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत माह अप्रैल में प्रदेश स्थित विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, उच्च शिक्षण संस्थान के संचालन विषयक निर्णय संबंधित कुलपति की संस्तुति पर जिलाधिकारी द्वारा स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिए जाएंगे। यदि स्थलीय परिस्थितियों के दृष्टिगत कुलपति एवं जिलाधिकारी द्वारा किसी शिक्षण संस्थान को किसी अवधि के लिए भौतिक रूप से बंद करने का निर्णय लिया जाता है तो इसे शर्तों के अधीन माना जाएगा।
पत्र में कहा गया है कि भौतिक रूप से शिक्षा संस्थान को बंद करने की स्थिति में निर्धारित अवधि में कक्षाएं और शिक्षण कार्य परिसर में न होकर ऑनलाइन संचालित किए जाएं। इसके अतिरिक्त जिन संस्थानों में परीक्षाएं या प्रयोगात्मक परीक्षाएं चल रही हैं वहां पर निर्धारित परीक्षाएं यथावत संचालित की जाएंगी, समय-समय पर निर्गत कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया, मास्क का अनिवार्य प्रयोग, शारीरिक दूरी बनाए रखना, परीक्षा परिसर को सैनिटाइजेशन एवं अन्य दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाएगा।
पत्र के अनुसार जिन कदमों को उठाने के लिए कहा गया है उनमें प्रत्येक पाली से पूर्व सैनिटाइजेशन मास्क की अनिवार्यता, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और हाथों का सैनिटाइजेशन के साथ-साथ संस्थान में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाए। परिसर के अंदर और बाहर आने-जाने वालों के लिए प्रबंध सुनिश्चित किया जाए, जिसमें 6 फीट की दूरी पर विशिष्ट चिन्ह बनाया जाए बायोमेट्रिक उपस्थिति के बजाए संपर्क रहित उपस्थिति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
इसके अलावा जिन निर्देशों का पालन करना है उनमें सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य हो, क्लास रूम में छात्रों को 6 फीट की दूरी पर बैठे हुए सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जाए। शिक्षण संस्थान में किसी भी बाहरी विक्रेता को परिसर के भीतर या प्रवेश द्वार पर कोई भी खाने की चीज बेचने की अनुमति न दी जाए, जैसे निर्देश शामिल हैं।