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सर्वाइकल कैंसर की समय पर जांच कराने भर से बचायी जा सकती है प्रतिवर्ष 75000 महिलाओं की मौत

-केएसएसएससीआई ने अमेठी में आयोजित किया कैंसर जागरूकता शिविर  

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान (केएसएसएससीआई) के डॉक्टरों की एक टीम द्वारा डॉ (प्रो) सबुही कुरैशी के नेतृत्व में सीएचसी जगदीशपुर, अमेठी में कैंसर जागरूकता और स्क्रीनिंग के लिए एक आउटरीच कैंप आयोजित किया गया। डॉक्टरों, नर्सों और सहयोगी स्टाफ समेत 50 की टीम ने करीब 1000 मरीजों की जांच की।

बीती 21 फरवरी को आयोजित शिविर के लिए निदेशक प्रो आरके धीमन ने कैंसर की रोकथाम और पात्र रोगियों की जांच के बारे में जागरूकता पैदा करने में उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के आउटरीच कैंप नियमित आधार पर आयोजित किए जाएंगे। 

इस अवसर पर कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान की डीन प्रो. सबुही कुरैशी ने बताया कि भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, जिसके 1.2 लाख से अधिक मामले हैं और प्रति वर्ष 75000 से अधिक मौतें होती हैं। इसे रोका जा सकता है यदि महिलाएं पैप स्मीयर साइटोलॉजी के साथ नियमित जांच करवाती हैं, जिससे रोगियों का शीघ्र पता लगाने और समय पर उपचार करने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि चूंकि 80% से अधिक इनवेसिव सर्वाइकल कैंसर एचपीवी 16,18 संक्रमण के कारण होते हैं, पात्र महिलाओं का एचपीवी टीकाकरण सर्वाइकल कैंसर की घटनाओं को और कम कर सकता है। इसलिए गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की घटनाओं को कम करने के लिए नियमित जांच और एचपीवी टीकाकरण महत्वपूर्ण हैं। 

संस्‍थान के चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ. विजेंद्र कुमार ने ब्रेन ट्यूमर के लिए जागरूकता और स्क्रीनिंग की शुरुआत की और धूम्रपान बंद करने और जीवन शैली में बदलाव के महत्व पर जोर दिया। एसोसिएट प्रोफेसर, ओरल मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग डॉ. गौरव सिंह ने मरीजों को शिक्षित किया कि धूम्रपान और तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण है और इसे रोका जाना चाहिए।

डॉ. एस प्रिया, सहायक प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग ने एनीमिया, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों की जांच की। उन्होंने यह भी बताया कि उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं यदि ये सह-रुग्णता नियंत्रण में हैं और कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में कैंसर विशिष्ट उपचार के साथ-साथ प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अशोक सिंह ने ब्रेस्ट कैंसर की जांच की और मरीजों को ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन के महत्व के बारे में बताया।

डॉ. वरुण विजय, सहायक प्रोफेसर, हड्डी रोग विभाग और डॉ. गीतिका पंत सहायक प्रोफेसर, बाल रोग विभाग ने क्रमशः हड्डी और कोमल ऊतक कैंसर और बाल चिकित्सा कैंसर के लिए जागरूकता और जांच की। कैंसर जागरूकता अभियान में लोक स्वास्थ्य विभाग के सहायक प्राध्यापक एवं शिविर के आयोजन सचिव डॉ. आयुष लोहिया ने भी भाग लिया।  शिविर में आने वाले सभी मरीजों को आईईसी सामग्री का वितरण किया गया।

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