उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की घटना, जो सुन रहा, बच्चे को देखने पहुँच रहा
कहावतें हैं कि ‘जाको राखे साईंयां मार सके ना कोय’, ‘भगवान के घर देर है अंधेर नहीं’, कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में. आप भी इस खबर को जानकार हैरत भरी ख़ुशी जाहिर करेंगे. हुआ यह है कि एक बच्चा जिसकी मौत 12 साल पहले हो गई थी, वह अपने घर वापस लौट आया है। 12 साल पहले गगन को सांप ने काट लिया था। सांप के काटने से गगन की मौत हो गई थी, लेकिन वह अपने घर लौट आया हैं। युवक के वापस अपने घर आने की सूचना पर उसके घर लोगों का तांता लग गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामला खानपुर-बसी मार्ग स्थित जरियां आलमपुर लोध बहुल गांव है। गांव निवासी मदन सिंह के बेटे गगन को 12 साल पहले सांप ने डस लिया था। उस समय गगन की उम्र तीन साल थी। आनन-फानन में परिजन गगन को इलाज के लिए पास के नंगला मायापुर गांव और फिर ख्वाजपुर ले गए। इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ तो ग्रामीणों की सलाह पर परिजनों ने गगन का बसी गंगा में जल-प्रवाह कर दिया था। समय तेजी के साथ बढ़ता रहा। बताया जाता है कि जल प्रवाह के बाद सपेरों ने गगन को गंगा से निकाल लिया और उपचार के बाद स्वस्थ कर दिया।
इसके 12 साल बाद अचानक वह हो गया जिसकी किसी न उम्मीद तक नहीं की थी। 12 साल बाद गगन सपेरों की टोली के साथ अपने गांव जरियां आलमपुर पहुंच गया। इत्तेफाक से परिजनों की निगाह गगन पर पड़ी तो उन्हें उसमें कुछ अपनापन सा नजर आया। इसके बाद उसे पहचानने की कवायद शुरू हुई। आखिरकार, परिजनों ने छाती पर बने स्वास्तिक निशान के आधार पर उसे पहचान लिया। गगन की मां गायत्री लोधी ने पति मदन सिंह से कहा कि यह हमारा गगन है, लिहाजा सपेरों से इस बारे में बात की।
मदन सिंह ने सपेरों को इस बारे में बताया तो उन्होंने इसे महज भ्रम बताते हुए गगन को उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया। परिजनों ने गगन के शरीर पर बने तिल और घाव आदि के बारे में जानकारी देते हुए अपना पक्ष पुख्ता किया तो सपेरों को यकीन आ गया। मां ने सपेरों से बार-बार विनती की। इसके बाद सपेरों ने गगन को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
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