उत्तर प्रदेश के 1000 अस्पतालों में खुलेंगे सस्ती दवाओं के जन औषधि केंद्र
केंद्र व राज्य के मंत्रियों की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जेनरिक औषधियों की उपलब्धता सुगमता से सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना को लागू की जाएगी। इस आशय के एक एम.ओ.यू. पर आज हस्ताक्षर किए गए। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह तथा केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख एल. मन्दाविया की उपस्थित में ‘साचीज’ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा बी.पी.पी.आई. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने इस एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये। इस मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने इस परियोजना की वेबसाइट का भी शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के प्रदेश में लागू हो जाने से राज्य की जनता को सस्ती दरों पर उच्च गुणवत्ता युक्त दवायें उपलब्ध हो सकेंगी। राज्य सरकार प्रदेश में जेनरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए सतत् प्रयत्नशील है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में प्रथम चरण में 1000 सरकारी अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन औषधि भण्डार खोलेगी, जिनमें से 400 से अधिक जन औषधि भण्डारों का आवंटन किया जा चुका है। इसी योजना के तहत पोस्ट आफिस तथा बस स्टैण्ड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर 3000 जन औषधि स्टोर खोलने की योजना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत में अभी तक 2500 जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं। प्रदेश के अन्दर 1000 जन औषधि केन्द्र खुलने से बेरोजगार फार्मेसिस्टों को व्यापक स्तर पर रोजगार मिलेगा। साथ ही जन औषधि केन्द्र के आवंटन में फार्मासिस्टों को वरीयता भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कैंसर रोगियों को पैसीटाक्सल के 100 एमजी का इंजेक्शन 3450 रुपये में मिल रहा था, अब यह इंजेक्शन इन केन्द्रों पर मात्र 540 रुपये में मिलेगा। इसके अलावा एंटीबायोटिक दवाओं के मूल्य में भी काफी कमी आयेगी। एजिथ्रो माइसीन 500 एम.जी. की एंटीबायोटिक टेबलेट जिसका बाजार भाव 178 रुपये है, यह दवा औषधि केन्द्रों पर मात्र 86 रुपये में सुलभ होगी। निमुस्लाइड जिसका मूल्य 39 रुपये है, यह दो रुपये पचास पैसे में आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि शुरू की गयी वेबसाइट के माध्यम से आम जनता को जन औषधि केन्द्रों की जानकारी मिल सकेगी इसके साथ ही रियल टाइम आधार पर दवाओं की उपलब्धता और दवाओं के मूल्य की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना का क्रियान्वयन स्टेट एजेन्सी फॉर काम्प्रीहेन्सिव हेल्थ एण्ड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) द्वारा किया जा रहा है।
केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मण्डाविया ने अपने सम्बोधन में कहा कि जेनरिक दवाओं के माध्यम से दवाओं के दाम कम करके देश की गरीब जनता को बीमारी की दशा में आर्थिक संकट से बचाया जा सकता है।
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि इस हेतु चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया। उन्होंने कहा कि बीपीपीआई द्वारा प्रत्येक जन औषधि केन्द्र को प्रारम्भ में एक लाख रुपये की नि:शुल्क औषधियां उपलब्ध करायी जाएगी।