-चार दिन पूर्व हुई थी बीमार, जांच रिपोर्ट आने पर मचा हड़कम्प, सीसीएम सील
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय (केजीएमयू) प्रशासन की लापरवाही के चलते एक बार फिर कोरोना संक्रमण का खतरा डॉक्टरों, मरीजों, उनके परिजनों पर मंडरा रहा है। यहां के ट्रॉमा सेंटर के पांचवें तल पर स्थित क्रिटिकल केयर एम (सीसीएम) में वह नर्स ड्यूटी करती रही, जिसकी कोरोना जांच करायी गयी थी, और रिपोर्ट नहीं आयी थी। रविवार को रिपोर्ट आने पर उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई तो अस्पताल प्रशासन में हड़कम्प मचा गया। आनन फानन में सीसीएम को सील किया गया है, तथा सम्बन्धित लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गये हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्खास की रहने वाली संविदा पर कार्यरत नर्स पिछले दिनों बीमार पड़ी तो उसने फोन से अपने बीमार होने की सूचना देकर 21 अप्रैल को छुट्टी ले ली थी, बताया जाता है कि इसके बाद जब उसकी तबीयत सुधरी तो ड्यूटी का दबाव पड़ने लगा, इसके चलते शनिवार 25 अप्रैल को वह ड्यूटी करने पहुंची, और अपनी स्थिति बतायी तो उसका कोरोना टेस्ट करवाया गया, साथ ही ड्यूटी भी करवायी गयी। सवाल यह उठता है कि जब उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आयी थी तो उसे रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन करना चाहिये था, जो कि नहीं किया गया।
आपको बता दें सीसीएम में मेडिसिन के गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता है जिन्हें देखने के लिए विभिन्न विभागों के चिकित्सक ऑन कॉल भी आते हैं, ऐसे में रात भर नर्स ने वहां ड्यूटी की है, उस दौरान कौन-कौन वहां आया, यह सब देखना एक बड़ी कवायद है।
सूत्रों के अनुसार ट्रॉमा सेंटर का वेंटीलेटर यूनिट में वर्तमान में क्रिश्चियन कॉलेज के प्रधानाचार्य समेत पांच मरीज भर्ती हैं। वेंटीलेटर यूनिट है, इसलिए यूनिट में अतिगंभीर ही भर्ती किये जाते हैं, कोरोना संक्रमण की संभावना से उनका संकट बढ़ चुका है।
ऐसी लापरवाही ट्रॉमा सेंटर में पहली बार नहीं हुई है, यहां पहले भी एक मरीज को भर्ती कर लिया गया था, बाद में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कैजुअल्टी वार्ड, मेडिकल इमरजेंसी वार्ड को सेनिटाइज कराया गया था, साथ ही स्टाफ को क्वारेंटाइन किया गया था।
इस संबन्ध में प्रवक्ता प्रो.संदीप तिवारी का कहना है कि नर्स ने बीमार होने की सूचना दी थी या नहीं, संज्ञान में नहीं है। मगर पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सीसीएम को सील करते हुये, चिकित्सक, स्टाफ, भर्ती मरीज व उनके संपर्कियों के सैंपल जांच को भेजे गये हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद, मरीजों को शिफ्ट किया जायेगा और संपर्कियों की सूची तैयार की जा रही है ताकि सभी को क्वारेंटाइन कराया जा सके।