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काशी हिंदू विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी से अधिक पुस्तकें थीं डॉ अम्बेडकर की लाइब्रेरी में

केजीएमयू में मनाया गया अम्बेडकर जयंती पर समारोह

लखनऊ। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी केजीएमयू के ब्राउन हाल में बोधिसत्व बाबा साहेब डॉक्टर बी.आर. आम्बेडकर का 127वां जन्म दिवस समारोह मनाया गया। इस अवसर पर कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनीता दास मुख्य अतिथि एवं लखनऊ के पूर्व मेयर डॉक्टर दाऊजी गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

इसके अतिरिक्त प्रो. सिद्धार्थ दास, प्रो. मधुमती गोयल, प्रो. एस.एन. कुरील, प्रो. सुरेश बाबू, प्रो. हरिराम, प्रो.जे.डी. रावत, प्रो. एस.पी. जैसवार, प्रो. रश्मि कुमार, प्रो संतोष कुमार, प्रो. जी.के. सिंह, चिकित्सा अधिक्षक, अधिकारी, अन्य चिकित्सक छात्र, कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

मंचासीन सभी महानुभाव एवं छात्रों द्वारा बाबा साहेब के राष्ट्र निर्माण में योगदान को बताया गया। छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। विशिष्ट अतिथि द्वारा बाबा साहेब के अनछुए पहलुओं को बताया और भारत में शूद्र वर्ण की उत्पत्ति के इतिहास को वेदों एवं बाबा साहब के साहित्यि के संदर्भ में बताया। संस्मरण में उन्होंने बताया कि बाबा सहेब की व्यक्तिगत लाइब्रेरी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी से अधिक पुस्तकें थी तथा सभी पुस्तकों को पढने के उपरांत उनमें नोट लिख रखे थे। बाबा साहेब मुश्किल से दो घंटे सोते थे। गांधी जी ने कहा था कि बाबा साहेब की देश भक्ति स्वर्ण के समान खरी है। मुख्य अतिथि प्रो. विनीता दास ने बाबा साहेब के विचारों को वर्तमान परिपेक्ष्य में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि सारांश में बाबा साहेब युगपुरुष थे। उनके विचारों एवं कठोर परिश्रम से हम एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं, इसमें कोई शक नहीं हैं।

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