भूखे गरीबों के लिए बड़ा वरदान साबित हुआ है रोटी बैंक
लखनऊ। फिल्म ‘रोटी’ का एक संवाद है, ‘इंसान को दिल दे, दिमाग दे, जिस्म दे पर कमबख्त ये पेट न दे’! ये संवाद इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी भूख से जुड़ा है। इंसान के जीवन की पहली आवश्यकता है रोटी। इसे मानव समाज की विडंबना ही कहेंगे कि इसके एक तबके के पास आवश्यकता से कहीं अधिक है तो दूसरे तबके को पेट भरने तक के लिए रोटी मयस्सर नहीं हो पाती।
एक तरफ शाही आयोजनों में जमकर भोजन की बर्बादी होती है तो वहीं दूसरी तरफ कई घरों में चूल्हा जलने की नौबत भी नहीं आती। जहां समाज का बड़ा हिस्सा अपने इस वंचित वर्ग के लिए मूक दर्शक बना रहता है वहीं शहर के कुछ संवेदनशील नागरिक इस समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत है।
घरों में बचने वाले खाने का सदुपयोग किया जा रहा
ओमेक्स आर-1, गोमतीनगर विस्तार में रहने वाले आशुतोष चौबे, पिंकी गोस्वामी और शोभा ठाकुर ने समाज की इस विषमता को देखकर कुछ करने की ठानी। इन लोगों ने देखा कि कॉलोनी के हर घर में रोज खाने का कुछ न कुछ सामान बच जाता है जो कि निष्प्रयोज्य रह जाता है। इसे देखते हुए इन्होंने तय किया कि वे इस भोजन को घर-घर जाकर इकठ्ठा करेंगे और जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे।
इस तरह तीन माह पूर्व गरीबी के मारे और बेबस लोगों की भूख मिटाने के लिए पहल करते हुए ‘रोटी बैंक’ की स्थापना की गई। घर-घर जाकर खाना इकठ्ठा करके बस्तियों में गरीबों तक पहुंचाना शुरु किया। धीरे-धीरे इस मुहिम को कॉलोनी के दूसरे निवासियों का सहयोग मिलना भी आरम्भ हो गया और आज यह ओमेक्स आर-1 के लोगों की दिनचर्या का एक नियमित हिस्सा बन चुका है।
और लोगों को भी मिल रही प्रेरणा
रोटी बैंक के सदस्य आशुतोष चौबे बताते हैं कि इस काम में अब शहर के अन्य हिस्सों से भी लोग जुड़ रहे हैं जिसमें सोशल मीडिया फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि के जरिए भी लोग इस रोटी बैंक से जुड़ रहे हैं। लोगों से ज्यादा से ज्यादा तादाद में साथ आने का आग्रह करते हुए आशुतोष कहते हैं कि इस काम से जहां भूखे पेट को भोजन मिलेगा वहीं इस काम में सहयोग करने वाले को मानसिक शांति और गरीबों की दुआएं मिलती हैं। उन्होने कहा कि, रोटी बैंक का उद्देश्य है कि, शहर के हर गरीब-बेबस को तक कम से कम एक वक्त का खाना पहुंचे और किसी को भी भूखे पेट न सोना पड़े। आशुतोष बताते हैं कि रोटी बैंक की ही तरह जल्दी ही कपड़ा बैंक भी आरम्भ किया जाएगा जिससे जरूरतमंदों की दो मूल आवश्यकताओं रोटी और कपड़ा की पूर्ति हो सकेगी।
और स्थानों पर भी खोले जायेंगे रोटी बैंक
रोटी बैंक की एक अन्य सदस्य पिंकी गोस्वामी आगे की योजनाओं के बारे में बाताते हुए कहती हैं कि उन्हें इस बात की हार्दिक प्रसन्नता है कि, रोटी बैंक तीन महीनों के छोटे से अंतराल में ही ओमेक्स के साथ ही अब अंसल और राजाजीपुरम से भी प्रारम्भ होने जा रहा है। जल्दी ही इसका विस्तार शहर के अन्य हिस्सों में भी किया जाएगा। उन्होनें कहा कि, हमारा प्रयास है कि, शहर के हर कोने में एक रोटी बैंक की स्थापना हो जाए।
रोटी बैंक से जुड़ी शोभा ठाकुर बताती हैं कि, आज के समय में हर घर में ही खाने का सामान बच जाता है अगर वह भोजन हमें मिल जाए तो शहर में कोई भी भूखा नहीं रह सकता। उन्होनें कहा कि आज जरूरत है कि, हम अपने खाने के अलावा एक थाली खाना गरीबों के लिए भी बनाएं और उसे जिम्मेदारी के साथ जरूरतमंदों तक पहुचाएं।