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ब्रजेश पाठक ने कहा, केजीएमयू चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र का मार्गदर्शक

-एपिडेमियोलॉजी फाउंडेशन ऑफ इंडिया की पांचवीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

सेहत टाइम्स

लखनऊ। एपिडेमियोलॉजी फाउंडेशन ऑफ इंडिया की पांचवीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 29-30 नवंबर को केजीएमयू के कम्युनिटी मेडिसिन एवं पब्लिक हेल्थ विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर, केजीएमयू, लखनऊ में आयोजित इस संगोष्ठी का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा आज किया गया।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री पाठक ने केजीएमयू की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में से एक है। यहां के छात्रों ने समय-समय पर चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। यह संस्थान न केवल राज्य का अग्रणी मेडिकल कॉलेज है बल्कि चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका निभाता रहा है और आगे भी निभाएगा। श्री पाठक ने संगोष्ठी के आयोजक प्रो. शिवेंद्र कुमार सिंह और उनकी आयोजक समिति को इस आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस दो दिवसीय संगोष्ठी में केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. संजीव मिश्रा, और डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. सी. एम. सिंह सहित विभिन्न राज्यों से आए 600 से अधिक प्रतिनिधि और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया।
संगोष्ठी में सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैज्ञानिक विचारों और शोध को साझा करने के उद्देश्य से विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर एक समर्पित सत्र आयोजित किया गया। यह सत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2025 तक टीबी (क्षय रोग) को समाप्त करने की प्रतिबद्धता को बल देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर केंद्रित था।

संगोष्ठी में यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया कि महामारी विज्ञान का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक आधार पर तथ्यों का समुचित संग्रहण और उपयोग अत्यंत आवश्यक है। कोविड-19 महामारी से प्राप्त तथ्यों और अनुभवों के आधार पर भविष्य की महामारियों से निपटने में सहायता मिलेगी।

एपिडेमियोलॉजी फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित यह संगोष्ठी शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जहां वे आपसी विचार-विमर्श के माध्यम से महामारी विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान को प्रोत्साहित कर सकते हैं। संगोष्ठी के आयोजनकर्ताओं ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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