कानपुर के इस चिकित्सक के सेवाभाव की मोदी ने भी की तारीफ
बदले माहौल में लोग और बहुत से डॉक्टर खुद को भगवान का दूत नहीं मानते हैं लेकिन अब भी ऐसे ‘भगवान’ मौजूद हैं और इसीलिये आज भी डॉक्टर को भगवान का दूत कहा जाता है. ऐसे ही एक चिकित्सक मौजूद हैं कानपुर में. कानपुर के इस चिकित्सक का नाम है डॉक्टर अजित मोहन चौधरी. डॉ चौधरी ने अपने क्लिनिक सहित फुटपाथों पर जा-जाकर मरीजों को सेवाभाव से बिना पैसे लिए देखने की ऐसी मिसाल पेश की है जो करने वाले आजकल के जमाने में डॉक्टर शायद ही कुछ संख्या में हों. इन डॉक्टर के काम को इतना सराहा गया कि इनकी ख्याति दिल्ली स्थित पीएमओ कार्यालय तक पहुँच गयी. इसका खुलासा तब हुआ जब आज आयोजित अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन चिकित्सक की इनके द्वारा की जा रही सेवा की सराहना की.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डॉ अजित मोहन चौधरी पिछले एक महीने से मरीजों का मुफ्त में इलाज कर रहे हैं. 25 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 42वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनका जिक्र करते हुए उनके काम की सराहना करते हुए कहा, ”कानपुर के डॉक्टर अजित मोहन चौधरी की कहानी सुनने को मिली कि वो फुटपाथ पर जाकर ग़रीबों को देखते हैं और उन्हें मुफ़्त दवा भी देते हैं, इससे देश के बंधु-भाव को महसूस करने का अवसर मिला.”
डॉ अजित ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, ”मैं पिछले एक महीने से यहां लोगों का इलाज कर रहा हूं. मैं सभी किस्म के मरीजों का इलाज कर रहा हूं. मैं यहां तक कि सैंपल दवाएं भी फ्री में लोगों को दे रहा हूं. यदि केस जटिल होते हैं तो उनको रास्ता भी सुझाते हैं.” डॉ चौधरी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि हर डॉक्टर को समाज की भलाई के लिए इस तरह का काम करना चाहिए. जब उनको बताया गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी सेवाओं का संज्ञान लिया है, इस पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की.
सिर्फ इतना ही नहीं, जो मरीज डॉ अजीत के यहां इलाज कराने पहुंचते हैं, वे भी उनकी सेवाओं के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हैं. एक मरीज ने इस बारे में कहा, ”मैंने डॉ चौधरी के बारे में काफी कुछ सुना था, सो मैं यहां चेकअप कराने आया. मुझे लगता है कि अन्य डॉक्टरों को भी डॉक्टर साब की तरह सोचना शुरू करना चाहिए.” इसी तरह एक दूसरे मरीज ने कहा, ”वह बेहतरीन डॉक्टर हैं. लोगों को उनसे लाभ हो रहा है.”
‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इसी तरह के अन्य प्रेरणादायक किस्से सुनाए. ऐसे ही एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि 13 साल पहले, समय पर इलाज़ न मिलने के कारण कोलकाता के कैब-चालक सैदुल लस्कर की बहन की मृत्यु हो गई, तब उन्होंने अस्पताल बनाने की ठान ली ताकि इलाज़ के अभाव में किसी ग़रीब की मौत न हो. सैदुल ने अपने इस मिशन में घर के गहने बेचे. दान के ज़रिये रुपये इकट्ठे किये. उनकी कैब में सफ़र करने वाले कई यात्रियों ने दिल खोलकर दान दिया. इस तरह से रुपये जुटाकर 12 वर्षों के बाद आख़िरकार सैदुल लस्कर ने कोलकाता के पास पुनरी गांव में लगभग 30 बेड की क्षमता वाला अस्पताल तैयार करवाया. इसी तरह एक अन्य किस्से का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की एक महिला अनेक संघर्ष के बावजूद 125 शौचालयों का निर्माण करती है और महिलाओं को उनके हक़ के लिए प्रेरित करती है, तब मातृ-शक्ति के दर्शन होते हैं.