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कोरोना हो या डेंगू, ऐसे रोगों से ​निपटने में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण

-केजीएमयू के तत्वावधान में हो रहे माइक्रोकॉन-2023 का उद्घाटन किया मयंकेश्वर शरण सिंह ने


-साइंटिफिक कन्वेन्शन सेंटर में हो रही कॉन्फ्रेंस में देश भर के सूक्ष्म जीवविज्ञानियों का जमावड़ा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं मातृ एवं शिशु कल्याण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने सूक्ष्म जीवविज्ञानियों (माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स) को धन्यवाद देते हुए कहा है कि जिस तरह से हमने कोविड के खिलाफ जंग जीती है, उसी प्रकार से डेंगू से भी निपटेंगे। वर्तमान में प्रदेश की जनता डेंगू से बहुत परेशान है।

मयंकेश्वर शरण सिंह ने यह उद्गार 23 नवंबर की शाम को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुए माइक्रोकॉन-2023 का के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिए अपने संबोधन में व्यक्त किये। इंडियन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट के सम्मेलन का आयोजन 23 से 26 नवंबर तक किया जा रहा है। राज्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर को परेशान करने वाली महामारी कोविड के दौरान आप लोगों का कार्य पूरी दुनिया ने देखा है। सभी ने देखा है कि भारत ने कोरोना वैक्सीन बनाने में जो सफलता प्राप्त की है उसके पीछे आप लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उद्घाटन समारोह में केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने बताया कि डेंगू इस समय एक बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है, इस कॉन्फ्रेंस में डेंगू के टीके को बनाने पर चर्चा होगी, हालांकि विदेश में डेंगू रोधी टीका बना है लेकिन वह अभी ज्यादा प्रभावी नहीं है। उन्होंने कहा एक और बड़ी समस्या एंटीबायोटिक दवाओं के बेअसर होने की है। इन दवाओं का असर लोगों पर कम होता जा रहा है, इसकी एक बड़ी वजह एंटीबायोटिक दवाओं का अंधाधुंध व गलत इस्तेमाल है। उन्होंने कहा अपने मन से दवा लेने की प्रवृत्ति को हमें रोकना होगा।

कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने वाले केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमिता जैन ने कहा कि केजीएमयू को पहली बार माइक्रोकॉन कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने का मौका मिला है। इस कॉन्फ्रेंस में देश भर से आए हुए विशेषज्ञ विभिन्न बीमारियों की वैक्सीन और कई प्रकार के संक्रमण जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे। इस अवसर पर आयोजन समिति की सदस्य माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ शीतल वर्मा, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार, केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता एवं रेडियोलोजी विभाग के डॉक्टर सुधीर सिंह, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ संतोष कुमार समेत केजीएमयू के अनेक फैकल्टी मेंबर्स सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

शाम को हुए औपचारिक उद्घाटन समारोह से पूर्व दोपहर में 8 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं में लगभग 500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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