क्वाड्रिप्लीजिया के इलाज के दौरान सामने आयी सर्वाइकल स्पाइन टीबी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ॠषि सक्सेना ने एक ऐसे मरीज को स्वस्थ करने में सफलता हासिल की है जो क्वाड्रिप्लीजिया यानी शरीर के निचले व ऊपरी हिस्सों में पैरालिसिस का शिकार था और साथ ही पाखाने और पेशाब पर भी नियंत्रण नहीं था। यही नहीं जब इलाज शुरू हुआ तो मालूम चला कि मरीज को सर्वाइकल स्पाइन में टीबी भी है।
यह जानकारी देते हुए बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ॠषि सक्सेना ने बताया लुधियाना पंजाब का रहने वाला जसपाल सिंह यहां लखनऊ अपने रिश्तेदार के यहां आया हुआ था। पिछले साल 29 जून, 2018 को उसकी तबीयत खराब होने पर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती किया गया था।

उन्होंने बताया कि मरीज क्वाड्रिप्लीजिया का शिकार था। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में शरीर के निचले व ऊपरी हिस्से पैरालिसिस का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि हालत यह थी कि मरीज का अपने पाखाने और पेशाब पर भी नियंत्रण नहीं था। उन्होंने बताया कि उनके पास मरीज क्वाड्रिप्लीजिया का इलाज के लिए उसे चलने-फिरने लायक बनाने के लिए आया। डॉ सक्सेना ने बताया कि उन्होंने जब उसका इलाज शुरू किया तो पता चला कि मरीज सर्वाइकल स्पाइन में टीबी का भी शिकार है। इसके बाद उन्होंने टीबी की दवाओं के साथ इलाज करना शुरू किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने दवाओं से जब इलाज शुरू किया तो उसका रिस्पॉन्स अच्छा मिला, इसके बाद दवाओं से ही उसे आराम मिलता गया और ब्रेस की मदद से उसे चलने्-फिरने लायक बनाने में सफलता प्राप्त हो गयी। उन्होंने बताया कि मरीज अब ठीक है, पेशाब-पाखाने पर नियंत्रण भी सामान्य तरीके से हो गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि टीबी का इलाज अभी जारी रहेगा।

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