प्रमुख सचिव ने स्वाइन फ्लू की रोकथाम व बचाव के लिए किए गये उपायों की समीक्षा की
लखनऊ। आजकल स्वाइन फ्लू का दौर चल रहा है, इससे बचाव करना सर्वाधिक बेहतर विकल्प होगा इसके लिए जरूरी है कि साफ-सफाई का ध्यान रखा जाये तथा खांसी, छींक आने पर टिशू पेपर का इस्तेमाल करें तथा विशेषकर हाथ मिलाने, गले मिलने तथा चूमने से बचें। यह सलाह सरकार की ओर से दी गयी है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्रशान्त त्रिवेदी ने शुक्रवार 28 जुलाई को विभागीय समीक्षा बैठक में स्वाइल फ्लू की रोकथाम एवं उससे बचाव के उपाय प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं उससे बचाव के लिए प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया जा चुका है जो जिला स्तर पर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर स्वाइन फ्लू के रोकथाम हेतु कार्यवाही कर रही है। प्रत्येक जिले में दो रैपिड रिस्पान्स टीम का गठन किया गया है जो स्वाइन फ्लू के मरीज की जानकारी मिलते ही तत्काल उसके घर जाकर मरीज एवं उसके सम्पर्क में रहने वाले परिजनों को आवश्यक औषधि उपलब्ध कराते हुए परामर्श देते है। स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं बचाव हेतु सरकार सभी प्रकार की ठोस एवं कारगर कार्यवाही कर रही है। बैठक में विभागीय सचिव वी हेकाली झिमोमी भी मौजूद थीं।
बैठक में स्वाइन फ्लू से बचाव की जानकारी देते हुए बताया गया कि स्वाइन फ्लू से बचने के लिए सबसे आवश्यक है कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये और सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश,सिरदर्द, बदनदर्द (फ्लू) के लक्षण दिखते ही तत्काल सरकारी चिकित्सालय के चिकित्सक से सम्पर्क स्थापित किया जाये। साथ ही खांसी या छींक आने पर रूमाल या टिशू पेपर का प्रयोग करें, प्रयोग किये गये मास्क या टिशू पेपर को ढक्कन वाले डस्टबिन में ही फेंकें, हाथ धुले बिना अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से परहेज करें, थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ को साबुन से धोते रहें, लोगों से मिलने पर हाथ मिलाने, गले लगने या चूमने से बचें, अगर फ्लू के लक्षण नजर आते हैं तो परिजनों एवं अन्य सभी से दूरी बनाकर रखें एवं फ्लू के लक्षण दिखने पर कार्यालय, बाजार, स्कूल अथवा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जायें।