-केजीएमयू के माती अस्पताल, पेट सी.टी. स्कैन एवं रूफटॉप सोलर पावर प्रोजेक्ट का बटन दबाकर उद्घाटन
-ब्रजेश पाठक के साथ ही नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा प स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी थे आमंत्रित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। प्रदेश के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह द्वारा आज माती अस्पताल, पेट सी.टी. स्कैन एवं रूफटॉप सोलर पावर प्रोजेक्ट का बटन दबाकर उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक मरीज को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले, इसके प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना के तहत गरीबों को चिकित्सा में मदद की जा रही है। इन सबके बावजूद केजीएमयू को भी ऐसा कार्य करना होगा कि प्रत्येक मरीज को संतुष्टि मिले, और दुनिया में चिकित्सा का रोल माडल बने। उन्होंने कहा कि केजीएमयू चिकित्सा के क्षेत्र में वर्ल्ड क्लास सेंटर बने, इसके लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
नये आयाम हासिल करने के लिए फैकल्टी धन्यवाद की पात्र
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजीएमयू का चिकित्सा क्षेत्र में दुनियाभर में नाम है। इस संस्थान को मरीजों की सेवा करते हुए 100 वर्ष हो गये। संस्थान ने इस अवधि में चिकित्सा विज्ञान में नित नये आयाम हासिल किये, इसके लिए यहां की फैकल्टी धन्यवाद की पात्र है। उन्होंने कहा कि मरीजों की देखभाल एवं इलाज में कोई कमी न रहे, अब ऐसा कार्य करना है। सरोजनीनगर के बिजनौर क्षेत्र के माती गांव में माती अस्पताल शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पनपने वाली बीमारियों को समय से नियंत्रित भी किया जा सकेगा। इसी प्रकार पेट सी.टी. स्कैन के स्थापित होने से मरीजों को कैंसर, डायबिटिज, टी.बी. तथा मानसिक रोग जैसी बीमारियों की जांच एवं इलाज में आसानी होगी।
एसजीपीजीआई व लोहिया संस्थान से महंगी बिजली मिलती है केजीएमयू को
श्री पाठक ने ऊर्जा मंत्री से कहा कि चिकित्सा क्षेत्र सेवा का क्षेत्र है। केजीएमयू को प्रतिमाह 5 करोड़ रूपये बिजली का कॉमर्शियल बिल देना पड़ता है, जबकि लोहिया संस्थान, पीजीआई को काफी कम बिल देना पड़ता है। इस दायरे में केजीएमयू को भी लाया जाय तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि संस्थान की अभी 75 प्रतिशत छत खाली है। यहां के छात्रावास सहित इस पर रूफटॉप सोलर लगाया गया है, जिससे कि बिजली के बिल में कमी आ सके।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित होकर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा कहा कि केजीएमयू की कार्य संस्कृति बहुत अच्छी है। यहां के डॉक्टर, नर्स, स्टाफ का व्यवहार बहुत अच्छा है। अच्छे वातावरण में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कैम्पस की साफ-सफाई बहुत अच्छी है, इसे बनाये रखना है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ग्रीन एनर्जी के प्रयोग को बढ़ाया जा रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी और हम नेट जीरो एमिशन के साथ एक बेहतर, स्वच्छ पर्यावरण आने वाली पीढ़ी को देंगे।
60 लाख रुपये प्रति साल की बचत करायेंगे ऊर्जा मंत्री
एके शर्मा ने कहा कि नेडा के सहयोग से यहां पर एक मेगावाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पावर प्रोजक्ट तीन माह में स्थापित कराया जायेगा। इससे प्रतिवर्ष 60 लाख रुपये की बचत होगी। साथ ही 4500 से 5000 यूनिट बिजली पैदा होगी और 1500 टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी यहां पर 1.37 मेगावाट का सोलर प्लान्ट लगाया गया है। सौर ऊर्जा की कीमत थर्मल पावर की आधी होती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा ही सृष्टि के संचालन का स्रोत है। सब कुछ ऊर्जा से ही चल रहा है। उन्होंने केजीएमयू से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के बेहतर प्रबंधन के लिए भी मॉडल प्रस्तुत करने को कहा और प्रधानमंत्री के विजन ‘‘कचरे से कंचन’’ बनाने की पहल को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
माती हॉस्पिटल बनाने में समय ज्यादा लिया कार्यदायी संस्था ने
चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने इस अवसर पर कहा कि माती हॉस्पिटल को बनाने में कार्यदायी संस्थाओं ने काफी समय लिया है। जो कि प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत है। जनता के लिए उपयोगी प्रोजेक्ट में देरी समाज के हित में नहीं, ऐसे कार्यो में सुधार करें। जनता को बेहतर सुविधायें प्रदान करें, किसी को भी शिकायत का मौका न दें।
केजीएमयू के कुलपति ले.जन. डॉ बिपिन पुरी ने अपने स्वागत उद्बोधन में बताया कि इस संस्थान के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। तीन प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया है। हम अपनी सेवाओं को निरन्तर बढ़ा रहे हैं। आवासीय सुविधा से युक्त माती अस्पताल के बनने से ग्रामीण चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करने का मौका मिलेगा। विद्यार्थी गॉव में जाकर बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयास करेंगे। इसी प्रकार रूफटॉप सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लगने से केजीएमयू के 13.27 मेगावाट के कुल विद्युतभार में कमी आयेगी और पैसों की बचत होगी। इसी प्रकार पेट सीटी स्कैन के लगने से कैंसर, थायराइड, इन्डोस्कोपिक, टीबी, मानसिक बीमारियों, नसो के ब्लाकेज की जॉच में बहुत मदद मिलेगी और गम्भीर बीमारियों में आसानी होगी। इस दौरान इन तीनों प्रोजक्ट से संबंधित लघु फिल्म को भी दिखाया गया। कार्यक्रम में सीतापुर के विधायक शशांक त्रिवेदी, केजीएमयू के प्रतिकुलपति प्रो विनीत शर्मा, संस्थान के रजिस्ट्रार, प्रोफेसर, डॉक्टर, छात्र उपस्थित थे।