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स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के लिपिकों के आंदोलन से नाराज निदेशक प्रशासन ने दी चेतावनी

-शासन के दिशा-निर्देशों के विपरीत है आंदोलन, वार्ता के अनुसार कार्य हो रहा : डॉ राजागणपति आर.

-स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में प्रदेश भर में तीसरे दिन भी जारी कार्य बहिष्‍कार से लिपि‍कीय कार्य ठप

-नियम विरुद्ध और सीएम की मर्जी के खिलाफ हुए तबादलों से नाराज हैं कर्मचारी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन का धरना प्रदर्शन पूरे प्रदेश में आज तीसरे दिन भी जारी रहा, जिसके कारण  मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, जिला चिकित्सालय के कार्यालयों में कोई भी कार्य नहीं हुआ। इस बीच निदेशक प्रशासन डॉ राजागणपति आर. द्वारा कर्मचारी संघों को चेतावनी दी गयी है कि कार्य बहिष्‍कार और आंदोलन जो किया जा रहा है यह शासन के दिशा-निर्देशों के विपरीत है, उन्‍होंने कहा है कि स्‍थानांतरण/समायोजन के सम्‍बन्‍ध में हुई वार्ता के क्रम में नियमानुसार अपेक्षित कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उन्‍होंने कहा कि आंदोलन अगर वापस नहीं लिया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।    

एसोसिएशन के प्रदेश अध्‍यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने बताया कि‍ कार्यालय न खुलने के कारण चिकित्सा प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, मेडिकोलीगल प्रमाण पत्र बनाने वाले लोग भटकते रहे। लिपिकों के द्वारा संपादित किया जाने वाला जननी सुरक्षा योजना का भुगतान भी पूरे प्रदेश में बाधित रहा। उन्‍होंने बताया कि‍ विभाग में जेम पोर्टल के माध्यम से खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया लिपिकों के सहयोग से की जाती है वह भी पूरे प्रदेश में पूरी तरह से बाधित रही जो कि कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के दृष्टिगत बहुत ही चिंतनीय है।

लखनऊ में भी मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन जारी रहा। जिला अध्‍यक्ष अखिलेश श्रीवास्‍तव व जिला मंत्री रजनी शुक्‍ला ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के साथ ट्रांसफर में बहुत ही अन्यायपूर्ण कार्य किया गया है। महिलाओं की हजारों किलोमीटर दूर पर तैनाती की गई तथा नीति में मिलने वाले लाभ दिव्यांग, दंपत्ति, कम सेवा अवधि आदि को भी वंचित रखा गया। ट्रांसफर के नाम पर बड़े पैमाने पर शोषण मिनिस्ट्रियल संवर्ग के साथ किया गया। शासन को कर्मचारियों की मांगों को संज्ञान में लेते हुए अविलंब इस समस्या का निदान करना चाहिए।

तीन संघों ने दिया समर्थन

इस बीच उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ ने इस आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा करते हुए कहा कि यदि  इस आंदोलन के दौरान कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जाता है तो वह भी इस आंदोलन में पूर्ण रूप से भाग ले लेंगे।

यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री श्री सक्सेना ने कहा के स्थानांतरण के नाम पर शोषण स्वीकार नहीं है, स्थानांतरण में कोई भी मानकों को ध्यान पर नहीं रखा गया और मनचाहे तरीके से शोषण करने के उद्देश्य से दूरस्थ स्थानों पर तैनाती प्रदान की गई जब तक स्थानांतरण सूची निरस्त नहीं की जाती है हम आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं है।

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