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दिल के गंभीर रोगों की समय रहते पहचान हो जाती है एंजियोग्राफी से

95 प्रतिशत केसेज में हाथ की नस से एंजियोग्राफी-एंजियोप्‍लास्‍टी करने वाले डॉ अभिषेक शुक्‍ला ने आईएमए में दी जानकारी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। हृदय रोग होने पर अगर आपके चिकित्‍सक एंजियोग्राफी की सलाह दे रहे हैं तो उसे मान लेना चाहिये, क्‍योंकि एंजियोग्राफी से दिल के बहुत से रोगों की पहचान समय रहते हो जाती है, जिससे उसका सटीक इलाज कर के जान बचायी जा सकती है।

एंजियोग्राफी के प्रति डर को निकाल दें दिमाग से

यह बात अजंता हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक शुक्‍ला ने रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के तत्‍वावधान में आयोजित स्‍टेट लेवल रिफ्रेशर कोर्स एंड सीएमई प्रोग्राम में अपने सम्‍बोधन में कही। डॉ अभिषेक ने बताया कि बहुत से लोगों में एंजियोग्राफी के कॉम्‍प्‍लीकेशन को लेकर डर रहता है, ऐसे में उन्‍हें जागरूक करना बहुत आवश्‍यक है कि एंजियोग्राफी से दिक्‍कत बहुत कम होती है जबकि लाभ बहुत ज्‍यादा है, एंजियोग्राफी से बड़े-बड़े रोग पकड़ में आ जाते हैं, जिससे समय रहते उनकी जिन्‍दगी बचायी जा सकती है।

27 वर्ष से लेकर 92 वर्ष तक के व्‍यक्ति की एंजियोप्‍लास्‍टी की

डॉ अभिषेक ने बताया कि उन्‍होंने यहां आलमबाग स्थित अजंता हॉस्पिटल स्थित अजंता हार्टहार्ट केयर एंड कैथ लैब में बीते करीब 15 महीनों में 550 एंजियोग्राफी और एंजियोप्‍लास्‍टी की हैं। इनमें 95 फीसदी केसेज में हाथ की नस से एंजियोग्राफी-एंजियोप्‍लास्‍टी की गयी हैं। उन्‍होंने बताया कि उन्‍होंने अभी तक सबसे कम उम्र 27 वर्षीय व्‍यक्ति की तथा सबसे ज्‍यादा 92 वर्ष के व्‍यक्ति की सफल एंजियोप्‍लास्‍टी की है।

तीन घंटे के अंदर हो जाये एंजियोप्‍लास्‍टी तो दिल हो जायेगा सामान्‍य

एक महत्‍वपूर्ण जानकारी देते हुए डॉ अभिषेक ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने के अगर तीन घंटे के अंदर मरीज की एंजियोप्‍लास्‍टी हो जाती है तो उसका दिल सामान्‍य रूप से कार्य करने लगता है। इसलिए लोगों को यही सलाह है कि दिल का दौरा पड़ने पर जल्‍दी से जल्‍दी कुशल विशेषज्ञ तक पहुंच कर उसकी सलाह के अनुसार एंजियोग्राफी-एंजियोप्‍लास्‍टी कराकर जीवन जीने का आनंद लें।