-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, यूपी के आह्वान पर जिलों में प्रदर्शन
-25 जुलाई को होगा धरना, 26 जुलाई से दो घंटे कार्य बहिष्कार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हुए बड़े पैमाने पर नीति विरुद्ध स्थानान्तरण को निरस्त करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ0प्र0 के आह्वान पर आज 20 जुलाई से सभी राज्य कर्मियों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। 25 जुलाई को सभी जनपदों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालयों पर धरना और 26 से 30 जुलाई तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए परिषद के महामंत्री अतुल कुमार मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारी सहित अन्य विभागों के कर्मियों ने सुबह से ही एकत्र होकर हजारों की संख्या में काला फीता बांधकर अस्पतालों पर जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए अनियमित स्थानान्तरण निरस्त करने की मांग की।
परिषद के समर्थन में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वी0पी0 मिश्रा ने कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी शासन की स्थानान्तरण नीति का पालन नहीं कर रहे, बल्कि मनमानी तरीके से मान्यता प्राप्त संघों के अध्यक्ष/मंत्री, दाम्पत्य नीति, दिव्यांग, दिव्यांग आश्रित, 2 वर्ष से कम अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले व गंभीर रोग से ग्रसित कर्मियों का भी स्थानान्तरण कर दिया गया है, जबकि शासन द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति में इनको स्थानान्तरण से मुक्त रखने के निर्देश हैं।
परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि नीति के अनुसार समूह ग के कर्मियों का केवल पटल/परिवर्तन किया जाना था, लगभग सभी जनपदों में 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का पटल परिवर्तन के नाम शोषण करते हुये स्थानान्तरण कर दिया गया। परन्तु उन्हीं कर्मचारियों का बाद में स्वास्थ्य महानिदेशालय से अन्य जनपद स्थानान्तरण कर दिया गया।
डी0पी0ए0 के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री उमेश मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के समस्त जनपदों का फार्मासिस्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये स्थानान्तरण व पटल परिवर्तन से क्षुब्ध व आक्रोशित है। समस्त फार्मासिस्ट घोषित आन्देालन में पूर्ण मनोयोग से सफल बना रहे है। नेत्र परीक्षण अधिकारी संघ के अध्यक्ष जी0एम0सिंह व डेन्टल हाईजनिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री राजीव तिवारी ने कहा कि कोरोना वारियर्स के साथ विभाग द्वारा स्थानान्तरण के नाम पर किया गया शोषण कदापि उचित नहीं है।
लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के सचिव कमल श्रीवास्तव व मीडिया प्रभारी सुनील कुमार ने कहा कि कोविड-19 में लैब टेक्नीशियन ने फ्रन्ट लाइन में कार्य कर जांचे की व काफी दिवंगत भी हो गये। इसके बाद स्थानान्तरण के नाम पर शोषण सरकार की छवि खराब करने में महत्वपूर्ण योगदान शासन व विभाग के अधिकारी निभा रहे हैं।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि अनियमित स्थानान्तरण की साक्ष्यों सहित जानकारी उपलब्ध कराने के बावजूद महानिदेशालय द्वारा त्रुटिपूर्ण स्थानान्तरण निरस्त करने में हीलाहवाली की गई है साथ ही जनपदों के अधिकारियों को स्थानान्तरित कार्मियों को तत्काल कार्यमुक्त करने के निर्देश जारी किए गये, जिससे स्थिति विपरीत हो रही है।
श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया कि नियमविरुद्ध व त्रुटिपूर्ण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये स्थानान्तरण को संज्ञान लेते हुये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया परन्तु अत्यन्त खेद का विषय है कि जब कमेटी द्वारा परीक्षण कर जांच आपको प्रेषित की जानी थी तो स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों द्वारा हठधार्मिता के तहत जनपदीय अधिकारियों को जबरन कार्यमुक्त करने का आदेश निर्गत किया। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक है और घोषित आंदोलन को हवा देने जैसा है।
प्रदेश के कर्मचारी शासन की कर्मचारी विरोधी नीति से अत्यन्त व्याथित है, परिणामस्वरूप आज कर्मचारियों का सैलाब प्रदेश के समस्त जनपदों में सरकार का ध्यानाकर्षण कर आक्रोश व्यक्त कर रहा है।
परिषद के नेताओं ने मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री से मांग की है कि कमेटी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट पर शीघ्र निर्णय करते हुये नियमविरुद्ध किये गये स्थनान्तरण को निरस्त करने हेतु निर्देशित करें। साथ ही भीषण महंगाई से कर्मचारी त्रस्त हैं उसको देखते हुये डी0ए0 की पत्रावली पर भी शीघ्र निर्णय करें।