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कोविड संक्रमण को देखते हुए बदले गये ट्रेनों के एयर कंडीशनर

-हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर्स में इस्‍तेमाल होते हैं यही एसी

-प्रतिघंटे 6 से 8 बार की जगह अब 16 से 18 बार बदलेंगे हवा

लखनऊ/नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है, ऐसे में ट्रेन की एसी बोगियों में अब ऐसे एयर कंडीशनर लगाये गये हैं जो प्रति घंटे 16 से 18 बार से ज्‍यादा हवा बदलते हैं, ये वही एयर कंडीशनर हैं जो अस्‍पतालों के ऑपरेशन थियेटर में लगाये जाते हैं। अभी तक एसी कोच में लगने वाले एयर कंडीशनर प्रति घंटा 6 से 8 बार ही हवा बदलते थे, कोविड काल में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए रेलवे ने यह बदलाव किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेलवे अधिकारियों का कहना है कि एसी बोगियों में यात्रा के दौरान संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इसी खतरे के मद्देनजर रेलवे की वातानुकूलित ट्रेनों की बोगियों में अब ऑपरेशन थिएटरों की तरह ताजा हवा मिलेगी जिससे संक्रमण के फैलने के खतरे को कम किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि रेलवे द्वारा राजधानी मार्गों पर 12 मई से चलाई जा रही आने-जाने वाली 15 एसी ट्रेनों में यह प्रयोग शुरू किया गया है। 

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि “भारतीय रेलवे की वातानुकूलित बोगियों में अब लगाये गये रूफ माउंटेड एसी पैकेज (आरएमपीयू) प्रतिघंटे 16-18 बार से ज्यादा हवा को बदलते हैं जैसा कि ऑपरेशन थियेटरों में होता है.” पहले इन वातानुकूलित ट्रेनों में प्रतिघंटे छह से आठ बार हवा बदलती थी और डिब्बे में छोड़ी जाने वाली 80 फीसदी हवा पुन: परिचालित हवा होती थी जबकि 20 फीसदी ही ताजी हवा होती थी। 

अधिकारियों का कहना है कि हवा में बदलाव की संख्या बढ़ने के साथ हालांकि बिजली की खपत भी 10 से 15 फीसदी बढ़ेगी क्‍योंकि जब हम ताजा हवा का इस्तेमाल करेंगे तो ठंडा होने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगेगा इसलिए ऊर्जा की अतिरिक्त खपत होगी, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है।

यही नहीं रेलवे ने सेंट्रलाइज्ड एसी का तापमान भी सामान्य 23 डिग्री सेल्सियस से बढ़कार 25 डिग्री सेल्सियस कर दिया है क्योंकि अब यात्रियों को चादरें उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी।