-विश्व सीओपीडी दिवस पर केजीएमयू में आयोजित कार्यक्रम में दी जायेंगी नयी जानकारियां
सेहत टाइम्स
लखनऊ। दुनिया में क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज सी0ओ0पी0डी0 जिसे पूर्व में ब्रॉन्काइटिस नाम से जाना जाता था, से ग्रस्त लोगों की संख्या 30 करोड़ है, भारत में सीओपीडी के करीब 6 करोड़ मामले हैं। परम्परागत रूप से इसे तम्बाकू धूम्रपान के कारण होने वाली बीमारी माना जाता है। फेफड़ों में होने वाली इस बीमारी को होने से रोकना और इसका उपचार किया जाना सम्भव है।
यह जानकारी विश्व सी0ओ0पी0डी0 दिवस पर यहां केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में दी गयी। पत्रकार वार्ता में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो राजेन्द्र प्रसाद, पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश तथा पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रो आरएएस कुशवाहा उपस्थित थे। विशेषज्ञों ने बताया कि सीओपीडी से ग्रस्त रोगियों में सांस लेने में परेशानी होती है जिससे थकान महसूस हो सकती है।
बीमारी की शुरूआत में, सी0ओ0पी0डी0 वाले लोग व्यायाम करते समय सांस लेने में तकलीफ महसूस कर सकते हैं और जैसे-जैसे बीमारी बढती है, आराम करने के दौरान भी सांस बाहर निकालना या सांस लेना भी मुश्किल हो सकता है।
विश्व सी0ओ0पी0डी0 दिवस 2002 से हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से आयोजित किया जाता है। इस वर्ष यह 16 नवम्बर को मनाया जा रहा है। विश्व सी0ओ0पी0डी0 दिवस के लिए 2022 का विषय “आपके जीवन के लिए फेफडो का सर्वाधिक महत्व“ होगा और इसका उद्देश्य आजीवन फेफड़ों के स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाना है।
बताया गया कि चिकित्सक लक्षणों और परीक्षण के परिणामों के आधार पर सी0ओ0पी0डी0 की पहचान करते हैं। सी0ओ0पी0डी0 के निदान के लिए स्पाइरोमेट्री, छाती का एक्स रे तथा सीटी स्कैन कराया जाता है। इसके उपचार की जानकारी देते हुए बताया गया कि धूम्रपान करने वालों में सी0ओ0पी0डी0 का पहला और सबसे महत्वपूर्ण उपचार धूम्रपान बंद करना है। इसके अतिरिक्त सी0ओ0पी0डी0 के लक्षणों को दूर करने में विभिन्न दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है जिनका उद्देश्य फेफड़े की नलियों को चौड़ा करना, नलियों में सूजन को कम करना, (एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, जैसे स्टेरॉयड) और संक्रमण कम करना (एंटीबायोटिक्स) का इस्तेमाल किया जाता है। एंटीबायोटिक दवाओं के अलावा, अधिकांश सी0ओ0पी0डी0 दवाएं हर दिन ली जानी चाहिए।
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि विश्व सी0ओ0पी0डी0 दिवस के अवसर पर, पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग 16 नवंबर को दापहर 1 बजे से सी0ओ0पी0डी0 अपडेट का आयोजन कर रहा है। इसमें प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद, प्रोफेसर आलोक नाथ, प्रोफेसर राजीव गर्ग, डॉ अजमल खान और डॉ वेद प्रकाश सी0ओ0पी0डी पर महत्वपूर्ण जानकरी साझा करेंगे।