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उत्तर भारत में पुनर्वास चिकित्सा के लिए नए मानक स्थापित किये AAPMRCON 2025 ने : प्रो गोगिया

-अवध एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन सम्पन्न

सेहत टाइम्स

लखनऊ। अवध एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (AAPMR) द्वारा डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन AAPMRCON 2025 के समापन पर आयोजन अध्यक्ष प्रो वीएस गोगिया ने कहा कि AAPMRCON 2025 ने उत्तर भारत में पुनर्वास चिकित्सा के लिए नए मानक स्थापित किए हैं और यह सम्मेलन भविष्य की स्वास्थ्य नीतियों तथा ICU व न्यूरोरिहैब neurorehab मॉडल्स को दिशा देने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन ने पुनर्वास चिकित्सा की आधुनिक अवधारणाओं—ICU रिहैब, न्यूरोप्लास्टिसिटी, उन्नत तकनीक, AI-आधारित थेरेपी और बहु-अनुशासनिक समन्वय—को एक ही मंच पर संगठित करके डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को भारत के प्रमुख उभरते हुए शैक्षणिक पुनर्वास केंद्रों में सशक्त रूप से स्थापित किया है।

प्रो गोगिया ने ये विचार 7 दिसम्बर को सम्मेलन के अंतिम दिन अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि तीसरे दिन देशभर के अग्रणी संस्थानों—AIIMS भुवनेश्वर, AIIMS जोधपुर, AIIMS ऋषिकेश, AIIMS रायपुर, AIIMS पटना, PGI चंडीगढ़, SGPGIMS, KGMU तथा UPUMS सैफई—से आए विशेषज्ञों ने ICU रिहैबिलिटेशन, न्यूरोप्लास्टिसिटी, स्ट्रोक पुनर्वास, तकनीक-आधारित रिहैबिलिटेशन और बहु-अनुशासनिक उपचार मॉडल पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। उद्घाटन समारोह में निदेशक प्रो सीएम सिंह की अनुपस्थिति में कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ कार्यवाहक निदेशक प्रो राजन भटनागर ने किया। निदेशक प्रो. सी. एम. सिंह तथा डीन प्रो. प्रद्युम्न सिंह ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए अपने शुभकामना संदेश और आशीर्वाद भेजे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अनुपस्थिति में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अरविंद कुमार सिंह ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आईसीयू में टीम-आधारित पुनर्वास मॉडल के महत्व को रेखांकित किया।

तीसरे ​दिन की शुरुआत दो महत्वपूर्ण कीनोट व्याख्यानों से हुई, जहाँ प्रो आरके श्रीवास्तव ने आईसीयू ICU एवं एक्यूट रिहैबिलिटेशन Acute Rehabilitation की संरचना, नीति और प्रबंधन पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण साझा किया, जबकि प्रो यू सिंह ने आईसीयू रिहैबिलिटेशन में आने वाली चुनौतियों, न्यूरोप्लास्टिसिटी और शीघ्र गतिशीलता early mobility की वैज्ञानिक आवश्यकता पर प्रकाश डाला। दोनों वक्ताओं ने DrRMLIMS को देशभर के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने के लिए बधाई दी। इसके पश्चात आयोजित वैज्ञानिक सत्रों में आईसीयू पुनर्वास, प्रलाप प्रबंधन, वेंटिलेटर से हटाना, क्रिटिकल केयर मोबिलिटी, न्यूरोप्लास्टिसिटी, क्रिटिकल रिकवरी विंडो, बायोमार्कर आधारित थेरेपी तथा न्यूरोमॉड्यूलेशन जैसे विषयों पर उच्च गुणवत्ता की शैक्षणिक चर्चा हुई।

दिनभर चले इन सत्रों में अनेक वरिष्ठ विशेषज्ञों तथा युवा चिकित्सकों ने संस्थागत अनुभव, केस आधारित चर्चाएँ, एमएसके अल्ट्रासाउंड, रोबोटिक्स, वीआर थैरेपी, एआई बेस्ड रिहैबिलिटेशन प्लेटफॉर्म्स और टेली रिहैब मॉडल के नवीन अनुप्रयोगों को साझा किया।

Multidisciplinary सत्र में Speech & Swallow Therapy, Clinical Psychology और PMR के संयुक्त दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया गया, जिसने स्पष्ट किया कि समग्र पुनर्वास मरीज की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक आवश्यकताओं के संतुलन से ही संभव है। Free Paper सत्र में देशभर के युवा शोधकर्ताओं ने stroke, spinal cord injury, robotics, pain management और musculoskeletal rehabilitation जैसे विषयों पर अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए, जिनकी निर्णायकों द्वारा अत्यधिक सराहना की गई।

आयोजन सचिव, डॉ यशवीर सिंह ने सभी विशेषज्ञों, सहयोगी संस्थानों, प्रतिभागियों और मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।

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