Friday , November 22 2024

एक दिवसीय सीएमई की गागर में भर दिया 19 विषयों की जानकारियों का सागर

-आईएमए लखनऊ ने किया राज्य स्तरीय रिफ्रेशर कोर्स और सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लखनऊ शाखा द्वारा 22 सितम्बर को आयोजित राज्य स्तरीय रिफ्रेशर कोर्स और सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम में सामयिक बीमारियों के साथ ही हृदय रोगों व आखिरी स्टेज के कैंसर के रोगियों की देखभाल पैलिएटिव केयर, डायबिटीज जैसे 19 विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा करने के साथ ही महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। प्रात: 9 बजे से प्रारम्भ हुआ कार्यक्रम सायं 5 बजे तक चला। इसमें 92 डाक्टरों ने भाग लिया।

यह जानकारी देते हुए आईएमए लखनऊ की अध्यक्ष डॉ विनीता मित्तल व सचिव डॉ संजय सक्सेना ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से चिकित्सकों को नयी-नयी जानकारियां लेने और साझा करने का मंच मिलता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा पेशेवरों को नवीनतम ज्ञान और उपचार विधियों से अपडेट करना था, ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में और अधिक प्रभावी बन सकें। निवर्तमान अध्यक्ष डॉ जेडी रावत स्वच्छ एवं स्वस्थ लखनऊ बनाने की बात कही।

आयोजित सीएमई में बच्चों में आंखों की सामान्य बीमारियों एवं उनके प्रबंधन के बारे में डॉ. अमित कुमार यादव ने जानकारी दी, जबकि डॉ. अलॉय मजूमदार ने वृद्ध जनसंख्या में उम्र-संबंधित मैकुलर डीजेनेरेशन विकार के बढ़ते मामलों पर प्रकाश डाला। डॉ. अभिनव कुमार, वरिष्ठ गैस्ट्रो फिजिशियन ने गैस्ट्रोओसोफेजियल रिफ्लक्स डिसऑर्डर के निदान और उपचार पर चर्चा की। डॉ. राजीव सक्सेना, वरिष्ठ सर्जन रेलवे हॉस्पिटल ने पित्ताशय की पथरी पर सर्जिकल हस्तक्षेप के निर्णय पर अपने विचार साझा किए।

इसके अतिरिक्त आरटीएमएस न्यूरोमोड्यूलेशन: डॉ. प्रांजल अग्रवाल, निदेशक निर्वाण मानसिक एवं नशा रोग चिकित्सा अस्पताल ने मानसिक स्वास्थ्य विकारों के उपचार में rTMS (Repetitive Transcranial Magnetic Stimulation) की भूमिका को समझाया। उन्होंने बताया कि एफ़.डी.ए. द्वारा डिप्रेशन, ओसीडी इत्यादि बीमारियों का इलाज rTMS द्वारा सर्टिफाइड हो चुका है और यह निजी क्षेत्र में पहली बार निर्वाण हॉस्पिटल में उपलब्ध है।

डॉ. आर.बी. सिंह, वरिष्ठ सर्जन ने हमारा चिकित्सा पेशा – अतीत, वर्तमान और भविष्य विषय पर चिकित्सा पेशे के विकास और चुनौतियों पर बात की। डॉ. अभिषेक टंडन ने कठिनाई से इलाज होने वाले अस्थमा का मूल्यांकन एवं अस्थमा के जटिल मामलों की प्रबंधन विधियों पर चर्चा की। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ केपी चंद्रा ने आयु-संबंधित टेस्टोस्टेरोन कमी का उपचार में टेस्टोस्टेरोन प्रतिस्थापन चिकित्सा की प्रगति पर जानकारी दी। डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने हृदय विकार एट्रियल फाइब्राइलेशन के निदान और उपचार पर विचार किया। डॉ. वीरेंद्र कुमार यादव ने हायपरहोमोसीस्टिनीमिया की स्थिति के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की। डॉ. सतीश कुमार ने उच्च रक्तचाप के जटिल मामले प्रतिरोधक हाइपरटेंशन के प्रबंधन पर जानकारी दी। डॉ. गौरव चौधरी ने रक्त के थक्के बनने से संबंधित थ्रोम्बोएम्बोलिक विकारों पर प्रकाश डाला।

इसी प्रकार डॉ. संजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ सर्जन ने कैल्शियम के लाभ और हानियों के बीच के संतुलन पर चर्चा की। डॉ. आर.के. दीक्षित, प्रोफेसर फार्माकोलॉजी केेजीएमयू ने दवा सुरक्षा के संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रथाओं पर जानकारी दी। डॉ. जे.डी.रावत, विभागाध्यक्ष पीडियाट्रिक सर्जरी केजीएमयू ने बच्चों में इन्गुइनोसक्रोटल सूजन के प्रभावी प्रबंधन विधियों की जानकारी की।
इसी प्रकार बच्चों में पायी जाने वाली आम समस्या पुराने कब्ज के प्रबंधन पर डॉ. आर्चिका गुप्ता ने चर्चा की। कैंसर दर्द प्रबंधन और सहायक देखभाल विषय के तहत डॉ. सरिता सिंह ने कैंसर रोगियों के लिए सहायक चिकित्सा की भूमिका पर विचार किया। जबकि मुख कैंसर के वर्तमान प्रबंधन पर डॉ. शाहब अली उस्मानी ने नवीनतम विधियों पर जानकारी दी। मुख कैंसर प्रबंधन में पुनर्निर्माणात्मक सर्जरी पर डॉ. अभिजीत सिंह ने सर्जिकल ओंकोलॉजी में नए दृष्टिकोणों पर चर्चा की। डॉ संजय सक्सेना के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.