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राजनाथ सिंह ने माना, स्वास्थ्य पर और बजट की जरूरत

फि‍लहाल मौजूदा खर्च हो रहे जीडीपी का डेढ़ से बढ़ाकर ढाई प्रतिशत किया जायेगा

केजीएमयू का 114वां स्थापना दिवस समारोह संपन्न

चिकित्सक बन चुके मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल व सर्टिफिकेट प्रदान किये गये

लखनऊ। भारत सरकार के गृह मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया भर में भारत के शिक्षण संस्थानों की चर्चा होती है, एम्‍स के साथ ही केजीएमयू की बात होती है। दुनिया में केजीएमयू की चर्चा होना, लखनऊ ही नहीं, यूपी के लिए उपलब्धि है। इसका श्रेय यहां के शिक्षक व चिकित्सकों हो जाता है। इस संस्थान को एम्‍स का दर्जा देने के लिए चिकित्सा संस्थानों के स्थापित करने के नियमों में परिवर्तन करना पडेग़ा।

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सिंह, रविवार को अटल बिहारी कन्वेंशन सेंटर में केजीएमयू के 114वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्‍य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर में देश की कुल जीडीपी का 1.16 प्रतिशत बजट खर्च हो रहा है, केन्द्र सरकार इसे बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रयास कर रही है। बढ़ने के बाद भी जरूरत के मुताबिक अपर्याप्त होगा। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए देश में चिकित्सकों की घोर कमी है, कोई सरकार इस कमी को एकाएक समाप्त नहीं कर सकती है। हमारी सरकार ने पीजी की सीटों में बढ़ोतरी की है, सीटें बढ़ाने की और जरूरत है। केजीएमयू को एम्‍स का दर्जा दिये जाने के प्रस्ताव पर कहा कि हर नेता की तरह आश्वासन नही देता हॅू, मगर प्रयास है कि एमसीआई के नियमों को बदलकर इसे एम्‍स का दर्जा मिल जाये।

चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ.महेन्द्र सिंह ने चिकित्सकों को भगवान ब्रह्मा के अवतार बताते हुए कहा कि आप लोग सौभाग्यशाली हैं कि आप को चिकित्सक बनने का मौका मिला है। विशिष्ट अतिथि डॉ.जयश्री बेन मेहता ने छात्र-छात्राओं को कहा कि यह मेडल आपकों जिम्‍मेदारी देते हैं कि आप इस क्षेत्र में कर्तव्यों का निर्वहन पूरी जिम्‍मेदारी से करें। कुलपति प्रो.एमएलबी भटट् ने केजीएमयू के इतिहास और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, एम्‍स का दर्जा प्रदान किये जाने का मांग पत्र, मुख्‍य अतिथि को सौपा। इस अवसर पर केजीएमयू के मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल व सर्टिफिकेट देकर सम्‍मानित किया गया, संस्थान के शिक्षकों द्वारा लिखित सात पुस्तकों का विमोचन भी केन्द्रीय मंत्री द्वारा किया। गठिया रोग विभाग प्रमुख प्रो.एस के दास ने, चिकित्सक बने छात्रों को सफलता प्राप्त करने के गुर सिखाये।

चिकित्सकों का मन बड़ा होता है : राजनाथ

केन्द्रीय मंत्री राजनाथ ने कहा कि दुनिया में चिकित्सक ही वो शख्‍स है, जिसके लिए हृदय से सम्‍मान उत्पन्न होता है। चिकित्सकों के हृदय (मन ) को अन्य लोगों की अपेक्षा बड़ा बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि चिकित्सकों पर मरीजों की भीड़ और मरीजों की बीमारी को ठीक करने करने का बड़ा दबाव होता है, ऊंची रसूख वालों की बात का भी सम्‍मान रखने का भी दबाव होता है, बावजूद इसके चिकित्सक मरीजों से बहुत ही सरल और सहज भाव से मिलते हैं। चिकित्सकों की यही संवेदनशीलता, साधना ही उन्हें महान बनाती है। श्री सिंह ने कहा कि जिस चिकित्सक का मन जितना बड़ा होता है, उसका सम्‍मान उतना ही अधिक होता है। चिकित्सकों को अंतरआत्मा के प्रति जबाब देही होने का बोध कराते हुए कहा कि मन के विचार ही बुद्धि को संचालित करते हैं, कई बार कोई काम करने का मन नहीं होता है फिर भी दबाव में काम करना पड़ता है। ज्ञान बड़ा नहीं होता है बल्कि मनुष्य का मन व संस्कार बड़े होते हैं। पढ़े लिखे लोग भी आंतकी घटना में शामिल हो सकते हैं।

सात पुस्तकों का हुआ विमोचन

केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने, सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ.टीसी गोयल की दो पुस्तकों का विमोचन किया, साथ ही पल्मोनरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रो.सूर्यकांत की 14वीं पुस्तक का विमोचन किया। इसके अलावा पीडियाट्रिक ऑर्थोपैडिक विभागाध्यक्ष प्रो.अजय सिंह, प्रो. व़ाणी गुप्ता, प्रो.सिद्धार्थ अग्रवाल व यूरोलॉजी पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.दिवाकर दलेला द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया।