लखनऊ। प्रश्नपत्र लीक न हो इसके लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू ने एक और कदम उठाया है अब परीक्षा से 15 मिनट पहले ही प्रश्नपत्र छापा जायेगा इसके लिए सॉफ्टवेयर मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराया जायेगा। यह कदम पिछले दिनों माइक्रोबायोलॉजी का पेपर लीक होने के बाद उठाया गया है। दूसरी ओर लीक हुआ एमबीबीएस का माइक्रोबायोलॉजी का पेपर फिर से कराने की तैयारी की जा रही है, हालांकि अभी इसकी तिथि निर्धारित नहीं की गयी है।
ज्ञात हो केजीएमयू में एमबीबीएस सेकंड इयर की माइक्रोबायोलॉजी की बीती 17 फरवरी को परीक्षा हुई थी, बाद में पता चला कि इस परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था। चूंकि प्रश्नपत्र मेडिकल कॉलेजों को भेजे जाने से लेकर परीक्षा होने तक उनकी सिक्योरिटी की जिम्मेदारी एक चुनौती है और कहीं न कहीं प्रश्नपत्र लीक होने की घटना इस चुनौती को हैकर्स द्वारा चुनौती देने की कहानी कह रही है इसलिए अब कुलपति प्रो रविकांत द्वारा इस व्यवस्था को बदलने के आदेश भी दे दिये गये हैं। नये आदेशों के तहत प्रश्नपत्र का सॉफ्टवेयर तैयार कर मेडिकल कॉलेजों को भेज दिया जायेगा, इन कॉलेजों में परीक्षा से 15 मिनट पूर्व प्रश्नपत्र छाप लिये जायेंगे।
माइक्रोबायोलॉजी की परीक्षा निरस्त होने का आदेश जारी
17 फरवरी को कराए गए माइक्रोबायोलॉजी का प्रश्नपत्र निरस्त करने का आदेश केजीएमयू प्रशासन द्वारा जारी कर दिया गया है और अब यह परीक्षा फिर कब होगी इसकी घोषणा जल्दी ही की जायेगी।
यह पूछे जाने पर कि दोबारा पेपर कराने में इतना समय क्यों लग रहा है, इस पर केजीएमयू प्रशासन का कहना था कि चूंकि अभी परीक्षाएं चल रही हैं ऐसे में उनका शेड्यूल रोककर दोबारा वाली परीक्षा कराना संभव नहीं है। इन परीक्षाओं में प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों तरीके की परीक्षाएं शामिल हैं। प्रैक्टिकल परीक्षाओं में चूंकि इनविजिलेटर्स बाहर से बुलाये जाते हैं, ऐसे में उनका टाइमटेबिल डिस्टर्ब करना भी उचित नहीं होगा। दूसरी ओर पेपर लीक होने की जांच चल रही है और बताया जाता है कि जांच टीम ने काफी कुछ सफलता प्राप्त कर ली है, शीघ्र ही दोषियों के नाम सामने आयेंगे।