-राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, टूड़ियागंज, लखनऊ में व्याख्यान आयोजित
-बेंगलुरु से आयुर्वेद शल्य चिकित्सक के साथ ही केजीएमयू व एसजीपीजीआई से भी शामिल हुए चिकित्सक
सेहत टाइम्स
लखनऊ। राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, टूड़ियागंज, लखनऊ में आज आज 26 अगस्त को शल्य चिकित्सा विभाग की तरफ से शल्य चिकित्सा अतिथि व्याख्यान शृंखला के अंतर्गत व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार मौर्य एवं शल्य तंत्र विभाग के प्रो सुधा सिंह, डा राजेश यादव ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया।
प्रथम व्याख्यान में बेंगलुरु से आये आयुर्वेद शल्य चिकित्सक डा पी रमेश भट्ट ने बताया कि गुदा द्वार में होने वाली बीमारियों जैसे फिशर, पाइल्स, फिस्टुला, भगंदर आदि में आयुर्वेद की क्षार कर्म, क्षार सूत्र से बहुत अधिक लाभ मरीजों को प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि विदेशों से भी बहुत से मरीज भारत में आकर क्षारसूत्र द्वारा चिकित्सा करा रहे हैं। ज्ञात हो डॉ भट्ट को इजराइल और अमेरिका सरकार द्वारा शल्य चिकित्सा के लिए सम्मानित किया जा चुका है।
केजीएमयू से आए डा अजय कुमार पटवा ने बताया कि बवासीर की स्थिति में पौधों द्वारा प्राप्त फ्लेवोनॉयड्स का प्रयोग करने पर रोगियों में अच्छा परिणाम मिलता है।
एसजीपीजीआई के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग से आए डा ज्ञानचंद ने बताया कि लगभग 9 प्रतिशत मधुमेह रोगियों में पैर में घाव बनता है और जल्दी ठीक नहीं होता है उसमें आंवला, हल्दी आदि से बनी पट्टी से घाव जल्दी भरता है। मंच संचालन डा शची श्रीवास्तव ने किया। डा धर्मेंद्र ने बताया कि टूड़ियागंज आयुर्वेद कालेज में क्षार सूत्र की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार मौर्य ने कहा कि अतिथि व्याख्यान से छात्रों को बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ और आगे आयुर्वेद में शोध कार्य करने को प्रेरणा मिलेगी।


