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120 वर्षों के सफर की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने केजीएमयू को दिया सैटेलाइट सेंटर चलाने का ऑफर

-केजीएमयू परिसर में 941 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 7 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास

-ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक और न्यू कार्डियोलॉजी विंग का लोकार्पण

-500 बेड वाले ट्रॉमा सेंटर, जनरल सर्जरी विभाग के नवीन भवन, प्रशासनिक परिसर और पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा 120 साल के सफर में किये गये कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि 120 वर्षों की उतार-चढ़ाव से भरी शानदार यात्रा में केजीएमयू ने अनेक मील के पत्थर गड़े हैं। उन्होंने एक बार फिर केजीएमयू को बलरामपुर जिले में अपना सैटेलाइट सेंटर स्थापित करके वहां का मेडिकल कॉलेज संचालित करने का ऑफर दिया। उन्होंने कहा कि अपनी यात्रा में केजीएमयू ने अनेक उपलब्धियां जोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति हो या संस्थान दोनों की उपलब्धियां इस बात पर निर्भर करती हैं कि उन्होंने समय की गति के साथ अपने आपको कितना तैयार कर रखा है। जो लोग समाज की गति से 10 कदम आगे चलकर सोचते हैं, करते हैं, वे प्रगति के पथ पर आगे बढ़कर लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं, और जो समय की गति के अनुरूप भी नहीं चल पाते तो उनकी कालचक्र में दुर्गति भी तय है। उन्होंने कहा कि यह हम पर निर्भर करता है कि हमें प्रगति करनी है कि दुर्गति के मार्ग पर जाकर गुमनाम जीवन व्यतीत करना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार 14 जुलाई को केजीएमयू परिसर में ₹941 करोड़ की लागत से निर्मित 7 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक और न्यू कार्डियोलॉजी विंग का लोकार्पण किया। साथ ही 500 बेड वाले ट्रॉमा सेंटर, जनरल सर्जरी विभाग के नवीन भवन, प्रशासनिक परिसर और पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास किया। लोकार्पण और शिलान्यास के बाद केजीएमयू के अटल बिहारी साइंटिफि​क कन्वेन्शन सेंटर में आयोजित समारोह में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज श्रावण मास का पहला सोमवार है, शिव लोकमंगल के देवता हैं, लोकमंगल के प्रतिनिधि के रूप में चिकित्सकों की समाज में प्रतिष्ठा है, आज के दिन केजीएमयू को मिल रही इस सौगात के लिए आप सबको और पूरे प्रदेशवासियों को मैं शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू प्रदेश का इकलौता चिकित्सा संस्थान है ​जिसने पिछली सदी और इस सदी में दो महामारियों का सामना किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सदी में जब महामारी आयी होगी उस समय केजीएमयू शैशवावस्था में था, लेकिन दूसरी महामारी कोविड-19 में केजीएमयू पहला संस्थान था जिसने कोविड की जांच के लिए केंद्र अपने यहां बनाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुलपति ने अभी अपने भाषण मेंं कहा था कि केजीएमयू को और जगह की जरूरत है, उन्होंने कहा कि मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मैंने तो केजीएमयू को बलरामपुर में एक सैटेलाइट सेंटर स्थापित करने के लिए दिया था, मैं अब फिर कह रहा हूं कि केजीएमयू बलरामपुर में सैटेलाइट सेंटर स्थापित करके मेडिकल कॉलेज चलाये, हम लोग वहां प्रवेश प्रक्रिया इस सत्र में या अगले सत्र में प्रारंभ कर देंगे। मुझे लगता है समय आ गया है जब महानगरीय सुविधा से बाहर उन क्षेत्रों में भी आप जाकर मरीजों की सेवा करें। उन्होंने कहा कि मुश्किल से दो से ढाई घंटे में बलरामपुर पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री रहे श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जिनकी पहली कर्मभूमि बलरामपुर रही है, वहां मेडिकल कॉलेज को आगे बढ़ने का कार्य कर रहे हैं।

इससे पूर्व समारोह में कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने सभी का स्वागत करते हुए संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने संस्थान की जमीन पर कब्जे हटाये जाने की जानकारी देने के साथ ही पिछले दिनों शुरू की गयी रोबोटिक सर्जरी, ट्रांसप्लांट जैसी सुविधाओं के बारे में बताया साथ ही आगे जिन सुविधाओं को दिया जायेगा उसके बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदित भाव में कहा कि केजीएमयू को और जगह की आवश्यकता है।

राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने अपने उद्बोधन में केजीएमयू की तारीफ करते हुए कहा कि यहां दूसरे राज्यों के साथ ही नेपाल से भी मरीज आते हैं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस संस्थान को 1985 से लेकर 2023 तक मात्र 1600 करोड़ मिला था, जबकि पिछले दो वर्षों में एक करोड़ की परियोजनाओं और 600 करोड़ के उपकरण केजीएमयू को दिये गये हैं। उन्होंने रेजीडेंट चिकित्सकों का आह्वान किया कि मरीजों को भगवान मानें, क्योंकि मरीज नहीं होगा तो आपकी शिक्षा कैसे पूरी होगी।

हाईटेक डायग्नोस्टिक लैब से मरीजों को मिलेगी 24 घंटे जांच की सुविधा

केजीएमयू के प्रवक्ता केके सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक लैब से मरीजों को 24 घंटे उच्च गुणवत्ता की जांच सेवाएं उपलब्ध होंगी। वहीं पेशेंट रिलेटिव एकमोडेशन फैसिलिटी ब्लॉक के निर्माण से तीमारदारों को समुचित ठहरने की सुविधा मिलेगी। इस पांच मंजिला भवन में रेडियोलॉजिकल, एक्सरे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजिकल और माइक्रोबायोलॉजिकल लैब्स की सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे मरीजों को जांच के लिए लंबी डेट से छुटकारा मिलेगा। डॉक्टर द्वारा जांच लिखे जाने के तुरंत बाद सभी आवश्यक जांचें एक ही छत के नीचे पूरी की जा सकेंगी। इतना ही नहीं, जांच रिपोर्ट मरीजों को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से भी प्राप्त हो सकेगी, जिससे इलाज में देरी नहीं होगी और सटीक रिपोर्ट मिलने से मरीज शीघ्र स्वस्थ होकर घर जा सकेंगे। इसके साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट, सेंट्रल कमांड एरिया और मरीजों के तीमारदारों के ठहराव के लिए लगभग 450 बिस्तरों की क्षमता वाला एकमोडेशन ब्लॉक भी विकसित किया जाएगा। पांच मंजिला ब्लॉक 48 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू काे नये प्रशासनिक भवन की भी सौगात दी। नया प्रशासनिक भवन दो मंजिला का होगा, जो 48 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा। यहां पर स्टाफ के लिए 100 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग भी विकसित की जाएगा। नये प्रशासनिक भवन से प्रशासनिक कार्यों में भी तेजी आएगी और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी। इसके साथ ही 3.10 करोड़ की लागत से न्यू गेस्ट हाउस का होगा विस्तार होगा। यहां पर लिफ्ट के साथ सभी 14 कमरे फर्नीचर से सुसज्जित होंगे। इससे बाहर से आने वाले गेस्ट प्रोफेसर और डॉक्टर्स को ठहरने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव कार्यक्रम के संयोजक सर्जरी विभाग के प्रो केके सिंह ने प्रस्तुत किया।

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