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लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में क्लब फुट विकृति से पीडि़त 1500वें बच्चे की सर्जरी

-अनुष्का फाउंडेशन की मदद से ऑर्थोपेडिक विभाग कर रहा उपचार 

सेहत टाइम्स 
लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (डॉ. RMLIMS), लखनऊ के ऑर्थोपेडिक्स विभाग द्वारा अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से जन्मजात क्लब फुट विकृति (Congenital Talipes Equinovarus – CTEV) से पीड़ित 1,500वें बच्चे का सफल इलाज पोंसेटी विधि द्वारा किया गया है – यह उत्तर भारत में अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सन् 2022 में डॉ. RMLIMS एवं अनुष्का फाउंडेशन द्वारा समर्पित CTEV क्लिनिक की स्थापना के बाद से, सैकड़ों बच्चों को सर्जरी रहित एवं सर्जिकल उपचार प्रदान किया गया है। इससे उन्हें आजीवन विकलांगता और सामाजिक बहिष्कार से बचाया गया।

क्या है CTEV ?

क्लब फुट (CTEV) एक जन्मजात विकृति है जिसमें पैर नीचे और अंदर की ओर मुड़ा होता है। बिना उपचार के यह चलने में गंभीर समस्या, दर्द, और स्थायी विकलांगता पैदा कर सकता है। यदि इलाज जन्म के शुरुआती हफ्तों में ही शुरू हो जाए तो पोंसेटी विधि द्वारा इसका 95% से अधिक मामलों में सफल उपचार संभव है ।

डॉ. RMLIMS और अनुष्का फाउंडेशन की सहभागिता

इस साझेदारी की नींव पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. प्रभात कुमार पांडेय (एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. RMLIMS) ने रखी, जो पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स के प्रमुख परामर्शदाता हैं। उन्होंने इस विषय में संस्थान और अनुष्का फाउंडेशन के मध्य MOU हस्ताक्षर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि पोंसेटी विधि से हम ऑपरेशन से बचाकर हज़ारों बच्चों को सामान्य जीवन दे सके हैं – यह एक सामाजिक उत्तरदायित्व की तरह है।” ज्ञात हो अनुष्का फाउंडेशन एक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संस्था है, जो जन्मजात विकलांगताओं से पीड़ित बच्चों को बेहतर इलाज, उपकरण और परामर्श के माध्यम से सक्षम बनाने के लिए कार्यरत है।
डॉ पाण्डेय ने बताया कि इस साप्ताहिक क्लिनिक के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं में
•निःशुल्क जाँच, कास्टिंग, टेनोटॉमी, ब्रेस, और फॉलो-अप देखभाल प्रदान की जाती है
•माता-पिता को विस्तृत परामर्श एवं प्रशिक्षण दिया जाता है
•सफलता दर अत्यधिक उच्च और रिलेप्स की संभावना न्यूनतम रही है
संस्थान के ऑर्थोपैडिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनीत कुमार ने कहा कि “इलाज जितनी जल्दी शुरू हो, उतने बेहतर परिणाम आते हैं– बच्चा सामान्य रूप से चलना, दौड़ना, और आत्मविश्वास से जीना सीखता है,”

भविष्य की योजना

भारत में हर वर्ष लगभग 25,000–50,000 नवजात शिशु क्लब फुट विकृति के साथ जन्म लेते हैं। इस चुनौती का सामना करने हेतु डॉ. RMLIMS एवं अनुष्का फाउंडेशन ने संकल्प लिया है कि वे:
•ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच बढ़ाएँगे
•समुदाय आधारित प्रशिक्षण और जागरूकता शिविर आयोजित करेंगे
•स्थानीय चिकित्सकों को पोंसेटी विधि में प्रशिक्षित करेंगे

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