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केजीएमयू में फेफड़ों की दुर्लभ बीमारी का पहली बार Whole Lung Lavage प्रक्रिया से उपचार

-Pulmonary Alveolar Proteinosis से ग्रस्त 40 वर्षीय मरीज का सफल उपचार कर रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि

-कुलपति ने दी बधाई, कहा- केजीएमयू के लिए यह गर्व का क्षण 


सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यहां पहली बार Whole Lung Lavage (WLL) नामक जटिल और दुर्लभ प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। संपूर्ण फेफड़े की धुलाई (Whole Lung Lavage या WLL) एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें फेफड़ों को खारे पानी से धोया जाता है। यह प्रक्रिया 40 वर्षीय मरीज अनिरुद्ध पर की गई, जो गंभीर सांस लेने में तकलीफ के साथ भर्ती हुए थे और बाद में उन्हें Pulmonary Alveolar Proteinosis (PAP) नामक एक दुर्लभ फेफड़ों की बीमारी के रूप में निदानित किया गया।

अनिरुद्ध को यूनिट-2 में डॉ. एस.के. वर्मा, डॉ. राजीव गर्ग और डॉ. आनंद श्रीवास्तव की देखरेख में भर्ती किया गया था। उन्हें लगातार बढ़ती सांस की तकलीफ, सूखी खांसी और लगभग 15 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। उनकी व्यावसायिक पृष्ठभूमि में कई वर्षों तक सीमेंट और पत्थर ब्लास्टिंग इंडस्ट्री में काम करने का इतिहास था — जो कि कुछ फेफड़ों की बीमारियों का एक संभावित जोखिम कारक है।

शुरुआत में मरीज को हाई फ्लो नेजल ऑक्सीजन (HFNO) और सहायक देखभाल पर रखा गया, साथ ही उनके विस्तृत जांच की प्रक्रिया शुरू की गई। खून की सामान्य जांच और चेस्ट एक्स-रे में दोनों फेफड़ों में व्यापक संलिप्तता देखी गई। इसके बाद कराए गए HRCT चेस्ट स्कैन में “ग्राउंड ग्लास अपेसिटीज़” और “क्रेज़ी पेविंग पैटर्न” दिखाई दिया — जो Pulmonary Alveolar Proteinosis का संकेत था।

निश्चित निदान के लिए ब्रोंकोएल्वोलर लावेज़ (BAL) किया गया, जिससे PAP की पुष्टि हुई। बीमारी की गंभीरता और दुर्लभता को देखते हुए, एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम ने Whole Lung Lavage करने का निर्णय लिया — जो कि वर्तमान में इस रोग के लिए एकमात्र स्थापित उपचार है।

इस प्रक्रिया को दो चरणों में संपन्न किया गया:

13 जून 2025 को दाहिने फेफड़े का लावेज़

7 जुलाई 2025 को बाएं फेफड़े का लावेज़

इस जटिल प्रक्रिया को निम्नलिखित टीमों द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किया गया:

डॉ. राजीव गर्ग और डॉ. आनंद श्रीवास्तव एवं रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर्स

डॉ. शेफाली गौतम, डॉ. विनीता सिंह, डॉ. कृतिका यादव और डॉ. राहुल, डॉ. मोनिका कोहली (एनेस्थीसिया विभाग) के मार्गदर्शन में तथा उनकी रेजीडेंट टीम

डॉ. सुरेश कुमार, प्रोफेसर (जनरल सर्जरी) एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट, GM&AH और उनकी रेजीडेंट टीम, जिन्होंने ऑपरेशन थियेटर और लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान किया
मरीज ने दोनों प्रक्रियाओं के बाद उल्लेखनीय सुधार दिखाया और अब वे ऑक्सीजन सपोर्ट से मुक्त होकर स्थिर अवस्था में हैं।

ज्ञात हो Pulmonary Alveolar Proteinosis (PAP) एक दुर्लभ फेफड़ों की बीमारी है जिसमें प्रोटीन और चिकनाई युक्त गाढ़ा पदार्थ फेफड़ों की छोटी-छोटी वायुकोशिकाओं (एल्यूलाइ) में जमा हो जाता है। इससे ऑक्सीजन का रक्त में पहुंचना कठिन हो जाता है, जिससे सांस फूलना, खांसी और शरीर में ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएं होती हैं। इसका कारण अक्सर अज्ञात होता है, लेकिन कई बार यह धूल या रसायनों के संपर्क जैसे कार्यस्थल जोखिम से जुड़ा होता है। PAP का इलाज विशेष रूप से Whole Lung Lavage जैसी विधियों द्वारा ही संभव है, जिसमें फेफड़ों को “धोकर” अंदर जमा पदार्थ को निकाला जाता है।

केजीएमयू में पहली बार Whole Lung Lavage की सफलता न केवल संस्थान के लिए मील का पत्थर है, बल्कि इस क्षेत्र में दुर्लभ फेफड़ों की बीमारियों के उपचार के लिए एक नया द्वार भी खोलती है। विभागों के बीच सहयोग ने चिकित्सा नवाचार और टीम वर्क की अद्भुत मिसाल पेश की है।

केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस सफलता के लिए पूरी टीम को बधाई दी और इसे “विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण तथा तृतीयक चिकित्सा सेवा में उत्कृष्टता का नया अध्याय” बताया।

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