-पीके पैथोलॉजी की ऑन्कोपैथोलॉजी यूनिट का सरोजनीनगर विधायक ने किया उद्घाटन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। सबसे जरूरी है सही डायग्नोसिस होना, यह दुर्भाग्य है कि कैंसर जैसा रोग हमारे देश में सबसे ज्यादा है। कैंसर बढ़ रहा है, इसे रोकने के भी उपाय होने चाहिये डायग्नोसिस सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू है। जरूरी है कि सही डायग्नोसिस हो जिससे उपचार की सही दिशा तय हो सके।
यह बात यहां सरोजनीनगर क्षेत्र के विधायक राजेश्वर सिंह ने 24 मई को एसजीपीजीआई के निकट पीके पैथोलॉजी की कैंसर जांच यूनिट के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने कहा कि कैंसर में काउंसिलिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि इसका नाम सुनते ही लोगों में भय बैठ जाता है। उन्होेंने कहा कि जिस तरह अभी बताया गया कि यहां जांच के साथ यहां मरीज की काउंसिलिंग भी की जाती है, यह बहुत सराहनीय है। उन्होंने सदैव अपने सहयोग का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि मरीज और चिकित्सक का अनुपात सही न होने के बाद भी चिकित्सक जिस प्रकार समर्पित रहते हैं, स्ट्रेस में काम करते हैं, उसके लिए चिकित्सक समुदाय का मैं दिल से आभारी हूं। उन्होंने जो कार्य किया है उसी का नतीजा है कि आजादी के समय व्यक्ति की अनुमानित आयु 35 वर्ष थी, जो आज बढ़कर 75 वर्ष हो गयी है। उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री लगातार प्रयासरत हैं कि प्रदेश में अस्पताल और डॉक्टर की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उपचार की बात करें तो अकेले सरोजिनीनगर क्षेत्र में ही हमने मुख्यमंत्री के कोष से 1000 मरीजों को 19 करोड़ रुपये उपचार के लिए दिलाये हैं।

पीके पैथोलॉजी के संस्थापक डॉ पीके गुप्ता ने कहा कि कैंसर जांच की यह यूनिट एसजीपीजीआई से प्रशिक्षित कैंसर जांच विशेषज्ञ डॉ अविरल गुप्ता एवं डॉ रोहिणी सिंह द्वारा संचालित की जा रही है, इसमें अत्याधुनिक तकनीक युक्त मशीन लगायी गयी है। उन्होंने कहा कि जैसा कि बहुत से लोगों को मालूम है कि आज कल कैंसर होने की संभावना बढ़ती जा रही है जो कि बहुत कुछ खराब लाइफ स्टाइल कीटनाशक दवाओं एवं क्लाइमेट चेंज के कारण बढ़ता जा रहा है यदि कैंसर की पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो जाए तो शत प्रतिशत इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि हमारी लैब में गरीब मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं है। गरीब मरीजों को जांच मे छूट देने की व्यवस्था इस लैब में है साथ ही टीम द्वारा निः शुल्क परामर्श भी दिया जाता है तथा कैंसर के आगे के इलाज के लिए सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के अस्पतालों से संवाद कर के इलाज में मदद की जाती है। यहां मरीज की काउंसिलिंग भी की जाती है, जिससे कि रोग के प्रति उसके मन में भय न हो लेकिन इलाज के प्रति लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि राय बरेली रोड पर स्थित हमारी सबसे पुरानी लैब है जो विगत 30 वर्षों से रोग निदान के लिए गुणवत्ता परक जांच के माध्यम से लोगों की सेवा कर रही है।
ऑन्कोपैथोलॉजी यूनिट के सह संचालक ऑन्कोपैथोलॉजिस्ट डॉ अविरल गुप्ता ने कहा कि कैंसर के उपचार में टीम वर्क का बहुत महत्व है, कैसर की जांच करने वाला विशेषज्ञ, कैंसर का उपचार करने वाला विशेषज्ञ, रेडियोलॉजी विशेषज्ञ की अपनी-अपनी भूमिका होती है। इसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सा है कैंसर की सही जांच। उन्होंने बताया कि इसीलिए यहां कैंसर के निदान के लिए Oncopatholgist की टीम शरीर पर स्थित किसी भी गांठ की सुई द्वारा जांच करती है जिसे FNAC कहते हैं गांठ से छोटा मांस का टुकड़ा निकलने की प्रक्रिया को बायोप्सी कहते हैं सुई द्वारा Bone marrow की जॉच कर खून के कैंसर का जल्दी पता लगाया जाता है ये सभी जांचे oncopathology यूनिट मे त्वरित रूप से होती है जिससे कैंसर का टारगेटेड इलाज हो जाएगा और मरीज की उम्र बढ़ जाती है।
यूनिट की सह संचालक डॉ रोहिणी ने कहा कि कैंसर की जांच में मरीज मिसगाइड बहुत होता है, इसका नतीजा यह होता है कि जो काम उसका दो-तीन हजार रुपये में हो सकता है, वह लाखों में हो पाता है, साथ ही शरीर का भी काफी नुकसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि हम जिस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, यहां शहरी और ग्रामीण दोनों तरह की आबादी है। यहां की लिटरेसी और इललिटरेसी दोनों की दर बहुत ज्यादा है। ऐसे में इस बैलेंस का मेन्टेन करते हुए जागरूकता पैदा करना एक बड़ी चुनौती है। इसी चैलेंज को लेकर हम आगे बढ़ना चाहते हैं कि हम लोगों को समय से जागरूक करें।
अंत में डॉ अविरल गुप्ता ने उद्घाटन में आए हुवे अतिथियों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। इस मौके पर एसजीपीजीआई, लोकबंधु राजनारायण संयुक्त अस्पताल सहित अनेक सरकारी एवं निजी चिकित्सक, समाजसेवी भी उपस्थित रहे।
