इंडियन सोसाइटी ऑफ़ हाइपरटेंशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आयोजित कर रहा पूरे महीने बीपी जांच शिविर
लखनऊ. ब्लड प्रेशर एक ऐसी साइलेंट बीमारी है जिसके कोई लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए आवश्यक है कि 30 वर्ष से ऊपर की आयु वालों को समय-समय पर इसकी जांच करवाते रहना चाहिए. सही समय पर जांच में पकड़ में आने का फायदा यह रहता है कि इस पर नियंत्रण रखा जा सकेगा जिससे हाई बीपी के चलते होने वाली बीमारियों से बचे रहेंगे. इंडियन सोसाइटी ऑफ़ हाइपरटेंशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में पूरे मई माह में हाइपरटेंशन जागरूकता माह का आयोजन किया गया है. इसकी शुरुआत यहाँ राजधानी लखनऊ में आईएमए भवन में शहर की प्रथम नागरिक महापौर संयुक्ता भाटिया ने खुद अपना ब्लड प्रेशर चेक करा कर की. आईएमए अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि महापौर का BP नार्मल है. महापौर ने अपने संबोधन में खुद माना कि इस तरह का जागरूकता अभियान होना बहुत अच्छा है. साधारण में लोग अपना ब्लड प्रेशर चेक नहीं कराते हैं. किसी और की क्या कहूं हम लोग खुद ही अपना ब्लड प्रेशर चेक नहीं कराते हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन मैं समझती हूँ कि यह बहुत आवश्यक है इसलिए कोशिश करूंगी कि नगर निगम के सभी 110 वार्डों में शिविर लगाकर ब्लड प्रेशर नापा जाये.
हमारे देश में 10 करोड़ लोग हाई बीपी के शिकार
अध्यक्ष डॉ. सूर्य कान्त ने कहा कि हमारे देश में लगभग 10 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं लेकिन आधे लोगों को पता ही नहीं रहता है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है. इसलिए इंडियन सोसाइटी ऑफ़ हाइपरटेंशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पूरे मई माह ब्लड प्रेशर नापकर नए मरीजों को चिन्हित करेगा ताकि आगे चलकर वे बड़ी बीमारियों से बच सकें. उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे बीच-बीच में ब्लड प्रेशर चेक कराते रहें और स्वस्थ जीवन का आनंद उठायें.
आधे लोगों को पता ही नहीं रहता है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है
इंडियन सोसाइटी ऑफ़ हाइपरटेंशन के महासचिव डॉ. नर सिंह वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि करीब 35 से 38 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रहते हैं लेकिन उनमें से आधे को पता ही नहीं होता कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है इसका पता तब चलता है जब दूसरी बीमारी होने पर ब्लड प्रेशर नापा जाता है. उन्होंने बताया कि जिन्हें पता होता है कि हाई ब्लड प्रेशर हैं उनमें भी आधे लोग बीमारी के प्रति लापरवाह रहते हैं, 50 प्रतिशत लोगों का ही ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल रहता है. डॉ. वर्मा ने कहा कि 30 वर्ष से ऊपर के लोगों को छह माह में कम से कम एक बार तो अपना ब्लड प्रेशर जरूर चेक कराना चाहिए.
ब्लड प्रेशर नापना बहुत आसान काम नहीं
डॉक्टर वर्मा ने एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए बताया कि ब्लड प्रेशर नापना भी बहुत आसान काम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति का ब्लड प्रेशर दो अलग-अलग डॉक्टर नापें तो रीडिंग अलग-अलग आयेगी. कायदा तो यह कहता है कि इसे डॉक्टर को ही नापना चाहिए, पहले डॉक्टर ही नापते थे, फिर धीरे-धीरे यह काम नर्स करने लगीं, फिर तकनीशियन और फिर जमादार भी ब्लड प्रेशर नापने लगे और अब तो हाल यह है कि बाजार में खिलौना बेचने वाली कंपनियों ने भी खिलौने की तरह ब्लड प्रेशर नापने वाले इंस्ट्रूमेंट बनाने शुरू कर दिए तो मरीज के घरवाले ही ब्लड प्रेशर नाप लेते हैं. उन्होंने कहा कि खिलौना बनाने वाली कंपनी और इस तरह की सेंसिटिव डिवाइस बनाने वाली कम्पनियां अलग-अलग होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सरकार की तरफ से कुछ गाइडलाइन्स भी आ सकती हैं.
एक लाख लोगों का ब्लड प्रेशर जांचने का लक्ष्य
इस अभियान के नेशनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अनुज कुमार महेश्वरी ने कहा कि पूरे माह जागरूकता शिविर के माध्यम से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को ढूँढ़ना एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि पूरे माह में करीब एक लाख ऐसे मरीजों का ब्लड प्रेशर जांचें जिनकी जांच अभी तक नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि आपको जानकार आश्चर्य होगा कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण होने वाले गुर्दे के रोगी, हार्ट आदि बीमारियों की वजह से एक करोड़ लोगों की मौत हो जाती है. उन्होंने बताया कि बहुत से लोगों का हाई ब्लड प्रेशर सिर्फ उनकी लाइफ स्टाइल बदलने से ही नार्मल हो जाता है, उन्हें कोई दवा नहीं देनी की जरूरत होती है.
कटु वचन न बोलें, ब्लड प्रेशर से बचें
समारोह में मंच पर आसीन आईएमए यूपी के इलेक्टेड प्रेसिडेंट डॉ. एएम खान ने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी को कटु वचन नहीं कहिये क्योंकि अगर आपने कटु वचन कहे तो फिर बाद में आपको टेंशन होना जिससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ेगा. अपना मन साफ़ रखें, ब्लड प्रेशर ठीक रहेगा. उन्होंने महापौर को ब्लड प्रेशर न होने पर ख़ुशी जतायी कि यह बहुत अच्छी बात है कि इस पद पर होते हुए भी वह अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाती हैं इसीलिये हाई बीपी नहीं है. डॉ. खान ने अपनी बात को एक शेर के माध्यम से कहा . उन्होंने कहा ‘वक़्त से पूछ रहा है कोई, जख्म क्या वाकई भर जाते हैं ?’ अंत में आइएमए के सचिव डॉ. जेडी रावत ने आये हुए मेहमानों का धन्वाद किया. इस मौके पर आईएमए लखनऊ के संयुक्त सचिव डॉ. मोहम्मद अलीम सिद्दीकी, डॉ. वीएन पुरी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे.