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देश-दुनिया में जहां-जहां मानव सेवा की जरूरत है, वहां-वहां रोटरी है : रो. परितोष बजाज

-रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3120 के गवर्नर ने अपने लखनऊ आगमन पर आस्था ओल्ड एज होम में आयोजित कार्यक्रम में लिया हिस्सा

न्यायमूर्ति अनिल कुमार, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, रोटेरियन परितोष बजाज (बायें से दायें)
रो.अजय सक्सेना, रो.सुमीत तिवारी, डॉ एके शुक्ला (बायें से दायें)

सेहत टाइम्स

लखनऊ। रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3120 के गवर्नर परितोष बजाज का कहना है कि विश्व में रोटरी क्लब के जैसी कोई संस्था नहीं है, 220 देशों में मौजूद है संस्था। स्वास्थ्य पर्यावरण, साक्षरता, नेत्र ऑपरेशन, ब्लड बैंक, मिल्क बैंक आदि जहां भी जरूरत है, वहां रोटरी क्लब की मौजूदगी दिखायी देती है, कहा जा सकता है कि मानवीय सेवा की जहां जरूरत है वहां रोटरी है। हमने पोलियो के उन्मूलन के लिए विश्व भर के 3 बिलियन बच्चों को पोलियो वैक्सीन दी है। इस समय सर्वाइकल कैंसर, टीबी को हटाना और एडल्ट साक्षरता को बढ़ाना संस्था की प्राथमिकताएं हैं।

परितोष बजाज ने यह बात 22 फरवरी को यहां कुकरैल स्थित आस्था ओल्ड एज होम में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हुए कही। उन्होंने कहा कि हम सब अपने जानने वाले की मदद तो करते हैं लेकिन मेरी नजर में असली मदद वह है जो किसी अनजान के लिए की जाये, जो कि रोटरी क्लब करता है। रोटरी क्लब की साख का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि बिल गेट्स जिनकी अपनी फाउंडेशन है, वे भी रोटरी को प्रति वर्ष मिलियंस ऑफ डॉलर देते हैं। रोटरी फाउंडेशन विश्व में अकेली ऐसी संस्था है जो एक रुपये में 92 पैसे सहायता में खर्च करती है शेष आठ पैसे प्रशासनिक व्यय में लगते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि जो भी रोटरी के सदस्य हैं वे जहां भी जायें, रोटरी पिन लगाकर जायें। उन्होंने इस मौके पर रोटरी की नयी सदस्यता लेने वाले रिटायर्ड जज अनिल कुमार और पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक वरिष्ठ चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ राजेन्द्र प्रसाद के कोट में रोटरी पिन लगायी। इसके अलावा रोटरी क्लब लखनऊ इलीट के सदस्य वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ बृजेश मिश्रा को भी पिन लगायी गयी। इस मौके पर रोटरी क्लब लखनऊ इलीट के पदाधिकारियों की ओर से गवर्नर परितोष बजाज को रामायण, गीता और तुलसी का पौधा भेंट किया गया। परितोष बजाज की ओर से भी कुछ लोगों को उपहार भेंट किये गये साथ ही रोटरी क्लब लखनऊ इलीट को नकद धनराशि भेंट की गयी।

आस्था ओल्ड एज होम संबंधी प्रोजेक्ट रो. परितोष बजाज को सौंपते डॉ ए के शुक्ला

इससे पूर्व दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। रोटरी क्लब ऑफ इलीट लखनऊ के संस्थापक रो. अजय सक्सेना ने मंच संचालन की जिम्मेदारी भी निभायी। उन्होंने रोटरी क्लब ऑफ इलीट लखनऊ द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में संक्षेप में जानकारी दी, उन्होंने गवर्नर परितोष बजाज को बताया कि रोटरी क्लब ऑफ इलीट लखनऊ से जुड़े लोगों में अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल के साथ ही सरस्वती डेंटल कॉलेज के डॉ रजत माथुर, आस्था ओल्ड एज होम के डॉ अभिषेक शुक्ला, प्रख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ गिरीश गुप्ता, न्यूरो सर्जन डॉ हिमांशु कृष्णा, एमएलसी पवन सिंह चौहान जैसे कई खास लोग किसी न किसी व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में नहीं आ पाये हैं। उन्होंने कहा कि यह रोटरी क्लब ऑफ इलीट लखनऊ का सौभाग्य है कि उसके कार्यक्रम में पहली बार कोई रोटरी गवर्नर आये हैं।

थोड़ा समझौता करना ज्यादा श्रेयस्कर : न्यायमूर्ति अनिल कुमार

विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने इस मौके पर कार्यक्रम में भेंट किये गये तुलसी के पौधों का महत्व बताया। उन्होंने आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी तुलसी जी के बारे में बताते हुए इन्हें माता लक्ष्मी का स्वरूप कहा। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद पुन: मैं केन्द्र सरकार के तहत विभिन्न लेबर कोर्ट में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। उन्होंने आह्वान किया कि लेबर यानी श्रम से सम्बन्धी हों, उपभोक्ता सम्बन्धी हों अथवा फैमिली कोर्ट से सम्बन्धित, लोक अदालतों में निपटा कर समाप्त करें। उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब जैसी संस्थाओं के माध्यम से भी लोगों के बीच यह जागरूकता पैदा किये जाने की जरूरत है कि जिन मुकदमों में न्याय पाने में वर्षों लग जाते हैं, उनमें अंतिम निर्णय पाने के लिए लोक अदालतें एक अच्छा प्लेटफॉर्म हैं। लोक अदालतों का गठन 2009 में इसी उद्देश्य से किया गया था, कि वर्षों से न्याय के लिए इंतजार कर रहे लोगों के मुकदमों का शीघ्र निस्तारण किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी वस्तु को पाने के लिए वर्षों इंतजार करना पड़े या फिर थोड़ा समझौता करते हुए जीवन की खुशहाली शीघ्र पा ली जाये, मेरी दृष्टि में थोड़ा समझौता करना ज्यादा श्रेयस्कर होता है। उन्होंने कहा कि आजकल जो सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं वे विवाह के थोड़े समय बाद ही पति-पत्नी के बीच कलह के हैं, लोग फैमिली कोर्ट में पहुंच जाते हैं। उन्होंने हास्यपुट में गंभीर बात रखते हुए कहा कि महिलाएं इसे अन्यथा न लें लेकिन आपसी कलह के पीछे के जो कारण सामने आते हैं, उनमें मोबाइल पर जरूरत से ज्यादा व्यस्त रहने के अलावा, पत्नी पक्ष के लोगों का दम्पति के जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप करना मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के झगड़े में सबसे ज्यादा जो प्रभावित होता है वह बच्चा होता है।

टीबी को लेकर अब भी लोगों में बहुत भ्रांतियां : डॉ राजेन्द्र प्रसाद

इस मौके पर डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने टीबी उन्मूलन को लेकर अपनी संस्था यूपी ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लोगों में अब भी यह जागरूकता नहीं है कि टीबी पूरी तरह से साध्य रोग है, उनके अंदर अनेक प्रकार की भ्रांतियां हैं। उन्होंने कहा कि आज भी ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें लंग कैंसर की शिकायत है लेकिन वे पूछते हैं कि डॉक्टर साहब मुझे टीबी तो नहीं है। डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि हमें लोगों के बीच यह जागरूकता लानी होगी कि टीबी से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसे हराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में टीबी के उन्मूलन में अपना योगदान देने के लिए मरीज को गोद लेने का कॉन्सेप्ट यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा लाया गया है, इससे पूर्व गुजरात में भी वह इसे लागू कर चुकी थीं। उन्होंने इसे बहुत अच्छा कदम बताते हुए कहा कि समाज के लिए बेहतर करने वाले लोगों द्वारा टीबी के मरीजों को गोद लिया जा सकता है, इसके तहत बहुत अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है, मरीज को पोषण आहार देना होता है, उन्होंने कहा कि गोद लेने का मतलब है कि मरीज का उसी प्रकार ध्यान रखें जैसे अपने परिवार का रखते हैं, मरीजों का ध्यान रखा जाये, विशेषकर यह ध्यान रखा जाये कि वह पूरा इलाज करे, बीच में छोड़े नहीं।

कार्यक्रम के आयोजक आस्था के संस्थापक डॉ अभिषेक शुक्ला के पिता पूर्व सीएमओ डॉ एके शुक्ला ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज का कार्यक्रम हम लोग जैसा करना चाहते थे, वैसा नहीं कर पाये। उन्होंने केजीएमसी से एमबीबीएस करने के दौरान डॉ राजेन्द्र प्रसाद के साथ की अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने टीबी उन्मूलन पर जोर देेते हुए कहा कि टीबी के मरीज के प्रति लोगों की धारणा को मैं अपने कार्यकाल के दौरान से देखता आ रहा हूं लेकिन आज स्थिति यह है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है, टीबी से ग्रस्त व्यक्ति को पूरा इलाज लेने की जरूरत है और दूसरे लोगों को इसमें अपना सहयोग करने की आवश्यकता है। इस मौके पर आस्था ओल्ड एज होम से सम्बन्धित एक प्रोजेक्ट डॉ शुक्ला ने गवर्नर परितोष बजाज को सौंपा। उन्होंने सभी अतिथियों का कार्यक्रम में आने के लिए अपनी और डॉ अभिषेक शुक्ला की ओर से धन्यवाद दिया।

अध्यक्ष रो अनुराग अग्रवाल की अनुपस्थिति के चलते कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्लब के उपाध्यक्ष रो सुमीत तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए क्लब में नये शामिल हुए सदस्यों न्यायमूर्ति अनिल कुमार और डॉ राजेन्द्र प्रसाद को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर रो.परितोष बजाज से आस्था ओल्ड एज होम में रह रहे वृद्धजनों से भेंट की तथा उन्हें फल-उपहार भी दिये।

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