लखनऊ। मिनिमल इनवेसिव सर्जरी यानि दूरबीन विधि से सर्जरी में थ्री डायमेन्शन टेक्निक के इस्तेमाल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे यह अहसास होता है कि जैसे ओपन सर्जरी की जा रही हो। यह कहना है भारत में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की शुरुआत करने वाले मुम्बई के डॉ. टेहम्टन ई उडवाडिया का। डॉ. उडवाडिया यहां किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग के फाउंडेशन डे के अवसर पर आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा सीएमई में भाग लेने आये थे।
डॉ उडवाडिया ने बताया कि मिनिमल इनवेसिव सर्जरी करने में सबसे ज्यादा कठिनाई सर्जन को होती है क्योंकि यह ओपन सर्जरी के मुकबले ज्यादा कठिनाई वाली है लेकिन अब थ्री डायमेन्शन टेक्निक ने इस दिक्कत को काफी हद तक कम कर दिया है। उन्होंने 1990 में भारत मेंं पहली बार मुम्बई के जेजे हॉस्पिटल में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की थी। उन्होंने मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के लाभ गिनाते हुए बताया कि इससे मरीज को बहुत जल्दी अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, दर्द भी कम होता है, दवा की जरूरत भी कम पड़ती है। वे मरीज जो अपने कार्य से लम्बी छुट्टी नहीं ले सकते हैं, उनके लिए यह सर्जरी काफी फायदेमंद है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों तक स्थित सरकारी अस्पतालों में भी अपनाये जाने की जरूरत है ताकि इसका लाभ गरीब मरीज को भी मिल सके।