-विशिष्ट कार्यशैली वाले डॉ अजय सिंह ने एक बार फिर दिखाया इच्छाशक्ति का कमाल

सेहत टाइम्स
लखनऊ। कहा जाता है कि अच्छे कार्य के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए आपका एक छोटा सा प्रयास ही काफी होता है जरूरत इस बात की होती है कि आपके उस प्रयास से दूसरे लोग कितना सीखने की कोशिश करते हैं। जिस प्रकार बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, उसी प्रकार समाज की भलाई के लिए किये जाने वाले छोटे-छोटे प्रयास बड़ी सफलता दिलाते हैं। कुछ ऐसा ही प्रयास अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल ने किया है। संस्थान ने बीते वित्तीय वर्ष में अपने अनेक कार्यों को कागज़ पर न करते हुए कंप्यूटर पर किये, जिससे 1000 रीम्स कागज की बचत करके लगभग 50 पेड़ों को कटने से बचाया है।
इस बारे में एम्स भोपाल के निदेशक डॉ अजय सिंह ने ‘सेहत टाइम्स’ को बताया कि वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 में हमने संस्थान के अनेक कार्यों को पेपरलेस बनाकर लगभग 1000 रीम्स कागज की बचत की। ज्ञात हो एक रीम में 500 पेपर शीट होती हैं, इस प्रकार 1000 रीम में 5 लाख कागज की शीट की बचत हुई है। उन्होंने बताया कि 20 रीम्स कागज़ के लिए एक पेड़ काटा जाता है, इस प्रकार चूंकि हमने 1000 रीम्स की बचत की है, इस प्रकार संस्थान ने 50 पेड़ों को कटने से बचाया है।
डॉ सिंह ने बताया कि हम निकट भविष्य में संस्थान के पूरे कैंपस को पूरी तरह से पेपरलेस बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए हमारा यह एक छोटा सा प्रयास है। उन्होंने अपील की कि इस तरह के छोटे-छोटे प्रयास दूसरे लोगों को भी करने चाहिए ताकि प्रदूषण से मुक्ति पाने के रास्ते पर चला जा सके। आपको बता दें कि डॉ अजय सिंह ने अपनी विशिष्ट कार्यशैली से चिकित्सा क्षेत्र में अनेक रिसर्च कर जहां मरीजों के उपचार में अपना योगदान दिया है वहीं प्रशासनिक कुशलता से संस्थान को किस प्रकार आगे बढ़ाया जा सकता है, इसे भी प्रमाणित किया है।

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