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तेजी से बढ़ रही है मुंह के कैंसर के रोगियों की संख्या, प्रमुख वजह है तम्बाकू

-समय पर पकड़ी जाये बीमारी, इसके लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाने जरूरी : डॉ. सीएम सिंह

-कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में ‘भारत में ओरल कैंसर स्क्रीनिंग पर एचटीए रिपोर्ट’ पर कार्यशाला

सेहत टाइम्स

लखनऊ। मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसकी प्रमुख वजह तंबाकू का सेवन है। समय पर बीमारी की पहचान जरूरी है। इसके लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाने की जरूरत है। हेल्थ टेक्नोलॉजी एसेसमेंट (एचटीए) गंभीर बीमारियों की रोकथाम में मदद कर सकता है। यह जानकारी लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने दी।

वह मंगलवार को चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में पब्लिक हेल्थ विभाग की ओर से ‘भारत में ओरल कैंसर स्क्रीनिंग पर एचटीए रिपोर्ट’ पर कार्यशाला में मुख्य अतिथि केरूप में अपने विचार रख रहे थे। डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि मुंह के कैंसर के इलाज पर सरकार का काफी बजट खर्च हो रहा है। समय पर जांच और इलाज से इस खर्च में काफी कमी लाई जा सकती है।

शोध के लिए और अधिक परियोजनाओं की जरूरत : डॉ देवाशीष

संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा पब्लिक हेल्थ विभाग में शोध के लिए और अधिक परियोजनाएं लानी चाहिए। इन परियोजनाओं के परिणाम से मरीजों को इलाज की लागत कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में काफी मदद मिल सकती है। डॉ. देवाशीष ने कहा कि कई तरह से कैंसर की रोकथाम की जा सकती है, जिसमें सर्वाइकल, अनुवांशिक बीमारी आदि शामिल हैं।

संस्थान में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. आयुष लोहिया ने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल में निर्णय लेने की प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए एचटीए की स्थापना की गई थी। कैंसर संस्थान में हमने अब तक तीन अध्ययन सफलता से पूरे किए हैं। इन अध्ययनों से उत्पन्न साक्ष्य निष्कर्षों के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्तुत किए जाते हैं। उन्होंने भारत में एचटीए परियोजना के अवलोकन पर अपना व्याख्यान दिया।

लोहिया संस्थान के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनीष कुमार सिंह ने कहा कि यह रिपोर्ट बताती है कि मुंह के कैंसर की समय से जांच होने पर इसको कम किया जा सकता है। यह रिपोर्ट भारत और यूपी में ओरल कैंसर स्क्रीनिंग को लागू करने में मदद करेगी। कार्यशाला में फैकल्टी, पीजी छात्र आदि ने हिस्सा लिया।

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