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कीटनाशक से कीटों का नाश करें, शरीर का नहीं

डॉ नीलम सिंह

स्नेहलता
लखनऊ। क्या आप जानते हैं कि हम जिस गेहूं के आटे की रोटी खा रहे हैं वह ठीक से धोकर पिसाया गया है? यदि नहीं तो बेहतर होगा कि यह कार्य आप स्वयं कर लें, गेहूं को करीब दो घंटे भिगोकर रखने के बाद उसे धोकर सुखा लें तभी पिसायें इससे आप गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किये गये कीटनाशक से अपने शरीर को नाश होने से बचा सकेंगे।
यह कहना है माता और शिशुओं के स्वास्थ्य सहित उनसे जुड़े अनेक पहलुओं पर कार्य करने वाली संस्था वात्सल्य की प्रमुख डॉ नीलम सिंह का। डॉ नीलम सिंह ने सेहत टाइम्स से एक मुलाकात में वर्तमान समय में आमतौर पर अपनायी जा रही जीवन शैली पर कई गंभीर सवाल उठाये। उनका कहना था कि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट बहुत चिंता का विषय है। क्योंकि एक तरफ जहां हम डायबिटीज, अस्थमा, हृदयरोग जैसी तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं वहीं रोगों से लडऩे की हमारी क्षमता कमजोर होती जा रही है, इस पर अनेक कदम उठाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सतर्कता से हम काफी हद तक अपने परिवार के स्वास्थ्य का खयाल खुद ही रख सकते हैं।
गेहूं पिसाने से पहले भिगोएं, सब्जियां भी नमक के पानी में धोएं
उन्होंने बताया कि आटा, दाल, चावल, सब्जियां आदि ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो रोज ही इस्तेमाल होते हैं ऐसे में इनके इस्तेमाल से पूर्व इनकी अच्छी तरह से सफाई करना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि गेहूं व अन्य अनाज, सब्जियां जब खेत में उगायी जाती हैं उस समय फसल को बचाने के लिए कीटनाशकों का छिडक़ाव किया जाता है उसके बाद जब अनाज को गोदाम में रखा जाता है तो एक बार फिर से उसे सुरक्षित रखने के लिए रासायनिक गैसों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में कीटनाशक गेहूं आदि के ऊपर चिपक जाता है, इसलिए यह आवश्यक है कि जब गेहूं पिसाया जाये उससे पहले दो घंटे तक उसे पानी में भीगने दें, ऐसा करने से पानी में कीटनाशक घुल जाते हैं, इसके बाद ही इसे धोकर  और सुखाकर पिसवायें। उन्होंने बताया कि पुराने समय में ऐसा ही होता था लेकिन अब व्यक्ति आरामतलब और रेडीमेड वस्तु की चाह रखता है। नतीजा यह है कि मानकों की अनदेखी करने वाली कम्पनियाँ खाद्यपदार्थों  में जहर परोस रही हैं। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले उन्हें अच्छी प्रकार से साफ करने के लिए गुनगुने पानी में नमक और सिरका डालकर धोयें।
इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक है मन का संतोष
इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में अपने मन का संतोष काफी अच्छी भूमिका निभाता है क्योंकि जब मन संतुष्ट होने से जब आपको खुशी मिलती है, तब मस्तिष्क से निकलने वाले रसायन आपके शरीर की इम्युनिटी बढ़ाते हैं। अनेक रिसर्च में भी पाया गया है कि आप पेड़-पौधों के बीच बैठकर जब संतुष्टि और खुशी का अहसास करते हैं तो आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति और बढ़ जाती है।

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