-लाल बहादुर शास्त्री गन्ना संस्थान के प्रेक्षागृह में दो दिवसीय तृतीय अंतर्राष्ट्रीय होम्योपैथिक कॉन्फ़्रेन्स का उद्घाटन

सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा है कि यह भारतवर्ष के लिए गर्व की बात है कि जो होम्योपैथी विधा जर्मनी में पैदा हुई आज उसके सबसे ज़्यादा अपनाने वाले भारतवर्ष में हैं और इसके विषय में सरकार सतत प्रयासरत है कि यह विधा उन्नति करे। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में अभी जल्द ही लखनऊ में ही एचडीआरआई HDRI के कैम्पस का उद्घाटन भारत सरकार के आयुष मंत्री द्वारा किया गया है।
आयुष मंत्री ने ये विचार आज रिसर्च सोसायटी आफ़ होम्योपैथी के तत्वावधान में लाल बहादुर शास्त्री गन्ना संस्थान के प्रेक्षागृह में दो दिवसीय तृतीय अंतर्राष्ट्रीय होम्योपैथिक कॉन्फ़्रेन्स का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता सेंट्रल काउन्सिल ऑफ़ होम्योपैथी के पूर्व चेयरमेन डॉ0 रामजी सिंह ने की। रिसर्च सोसायटी ऑफ़ होम्योपैथी के अध्यक्ष डॉ0 सी0 पी0 सिंह ने रिसर्च सोसायटी ऑफ़ होम्योपैथी के गठन से लेकर अभी तक की गयी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स के विषय में बताया।
होम्योपैथिक विद्यालयों में अंतः रोगी विभाग पर ध्यान देने की जरूरत
नेशनल मेडिकल कमीशन भारत सरकार के सदस्य डॉ आनन्द चतुर्वेदी ने डॉ0 अनुरुद्ध वर्मा को आज के दिन याद करते हुए उनके द्वारा होम्योपैथी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए किये गए प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम सब लोगों को होम्योपैथी के उत्थान के लिए सतत प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सभी होम्योपैथिक विद्यालयों में अंतः रोगी विभाग (IPD) पर ध्यान देना चाहिए। डॉ0 रामजी सिंह ने अपने सम्बोधन में एथिक्स पर जोर दिया।

साक्ष्य के साथ उपचार का डॉक्यूमेंटेशन आवश्यक
कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में कांफ्रेंस की साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ गिरीश गुप्ता ने रिसर्च पर जोर देते हुए कहा कि आज जरूरत इस बात की है की होम्योपैथी से किये जाने वाले उपचार के प्रति लोगों का भरोसा कायम करने और इस विधा पर उंगली उठाने वालों को जवाब देने के लिए वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य रखे जाएँ। इसके लिए उपचार का डॉक्यूमेंटेशन बहुत आवश्यक है।
समारोह को प्रयागराज से आए वरिष्ठ चिकित्सक व शिक्षक डॉ0 एस0 एम0 सिंह ने भी रिसर्च पर ज़ोर दिया। समारोह में एनआईएच कोलकाता के निदेशक डॉ0 सुभाष सिंह को डॉ0 हेनिमैन मेमोरियल नेशनल अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया गया। वैज्ञानिक सत्र में अहमदाबाद के डॉ. सुनील शाह, कोलकाता के डॉ रजत चटर्जी ने पेपर प्रस्तुत किये। कांफ्रेंस में अमेरिका से आये नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ सजल कुमार ने भी अपने विचार रखे।

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