भारत में हर साल कैंसर से होती है 8 लाख लोगों की मौत
लखनऊ। गांव में जो महिलाएं लकड़ी, गोबर के उपले और मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाती हैं उसके धुंए के कारण उन्हें कैंसर होने का खतरा रहता है।इसके अलावा तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला, वायु प्रदूषण और मांसाहारी भोजन आदि से कैंसर होने की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं।
यह बात इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सूर्यकांत ने विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आईएमए भवन में कही।
उन्होंने बताया कि हर साल विश्व में लगभग 1.5 करोड़ लोग कैंसर से पीड़ित होते हैं। इनमें से 88 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने बताया कि भारत में तकरीबन 30 लाख लोग कैंसर पीड़ित हैं, जिनमें से हर साल लगभग 8 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है।
विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इंडियन कैंसर सोसाइटी लखनऊ ने साथ में मिलकर आईएमए भवन में निशुल्क कैंसर जागरूकता और जांच शिविर का आयोजन किया।
डॉ सूर्यकान्त ने बताया कि अगर अचानक वजन कम हो जाए, ज्यादा दिन तक बुखार रहे, शरीर के किसी हिस्से में गांठ हो जाने या ऐसा प्रतीत होने और महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता आने आदि जैसी कुछ बातें सामने आए तो यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कैंसर की बीमारी को असाध्य रोग की श्रेणी में रखा गया है। इसके तहत प्रदेश के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में गरीबों का निशुल्क उपचार किया जाता है। डॉक्टर सूर्यकांत ने बताया कि प्रारंभिक अवस्था में यदि उपचार प्रारंभ हो जाए तो कैंसर ठीक हो सकता है। कैंसर के बचाव के लिए तंबाकू बीड़ी सिगरेट शराब आदि नशे का सेवन नहीं करना ही बेहतर होता है। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि शाकाहारी भोजन करने, व्यायाम करने और तनाव मुक्त रहने से कैंसर से बचा जा सकता है।
आईएमए भवन में किए गए जांच शिविर में लगभग 135 मरीजों का निशुल्क परीक्षण किया गया अंतर्गत उनकी हीमोग्लोबिन, ब्लड, शुगर, अस्थमा, न्यूरोपैथी, यूरिक एसिड और श्वास रोगों से संबंधित कुछ जांचें की गई। कैम्प में दवाइयों का मुफ्त वितरण किया गया।