-संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री ने प्रमुख सचिव को लिखा पत्र, जांच कराने की मांग
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण/ अध्यक्ष राज्य कार्यकारी समिति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कार्मिकों का वेतन खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से एक्सिस बैंक में स्थानांतरित किये जाने के लिए कार्मिकों को दिये जा रहे प्रलोभन पर आपत्ति जताते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है।
योगेश उपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा है कि जनपदों में व्यक्तिगत लाभ के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यरत कार्मिकों का खाता एक्सिस बैंक में खोले जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है जबकि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि सरकारी विभाग के कार्मिकों का वेतन खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ही होगा, ऐसा लगता है कि कुछ लालची व्यक्तियों द्वारा कार्मिकों को ठगने का का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें एक बैंक के साथ मिल कर कार्मिकों ग़लत जानकारी प्राप्त कराई जा रही है।
उन्होंने लिखा है कि यह भी संभव है कि तथाकथित नेता कार्मिकों पॉलिसी लेने के लिए प्रेरित करने पर कमीशन भी ले रहा हो। पत्र में लिखा गया है कि कुछ लोगों के द्वारा वर्तमान में ग्रुप में एक पीडीएफ फाइल भेजी जा रही है जिसका शीर्षक है “राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत कर्मचारियों के लिए विशेष फायदे सुरक्षा” जिस पर एक तरफ बैंक का logo ( प्रतीक चिन्ह ) लगा हुआ है दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम का आधिकारिक ( प्रतीक चिन्ह ) logo लगाया गया जिससे कर्मचारी भ्रमित हो कि ये योजना विभाग द्वारा जारी की गई है, जबकि सरकारी विभाग का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह किसी निजी संस्था / व्यक्ति विशेष द्वारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता है उस में लिखी हुई जानकारी भी गलत दी गई जिससे कर्मचारी भ्रमित हो रहे हैं, जैसे ‘2499 में बीमा लाभ 30 लाख का’, मगर ऐसी कोई सुविधा बैंक द्वारा नही दी जा रही है।
पत्र में महामंत्री ने अनुरोध करते हुए लिखा है कि इस विषय में जांच कराकर षड्यंत्रकारियो पर कार्रवाई करने का कष्ट करें, जिससे लगभग 3 लाख खाते स्टेट बैंक आफ इंडिया से हट कर अन्य बैंक में न जाएं तथा कार्मिक षड्यंत्र से बच सकें।