-एंटी रैबीज पर डब्ल्यूएचओ से फेलोशिप प्राप्त डॉ एमएन सिद्दीकी ने दी सलाह
सेहत टाइम्स
लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में लंबे समय तक रेबीज से बचाव का इलाज करने वाले एंटी रैबीज पर डब्ल्यूएचओ से फेलोशिप प्राप्त इकलौते रिटायर्ड चिकित्सक डॉ एम एन सिद्दीकी ने सलाह दी है कि हाल ही में हुई किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कुत्ते के काटने के शिकार लोगों को हर हालत में एंटी रैबीज वैक्सीनेशन अवश्य कराना चाहिये साथ ही घाव की समुचित सफाई करते रहना चाहिये।
ज्ञात हो केजीएमयू में डॉक्टर व अन्य स्टाफ को कुत्ते के काटने की खबर के साथ ही काटने वाले कुत्ते के मरने की खबर मिली है, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कुत्ते की मौत स्वाभाविक हुई है अथवा उसे पीटकर मारा गया है। इस बारे में ‘सेहत टाइम्स‘ ने जब डॉ एमएन सिद्दीकी से उनके मत के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि कुत्ता किसी भी प्रकार से मरा हो, लेकिन जिन व्यक्तियों को कुत्ते ने काटा है उन्हें हर हालत में एंटी रैबीज वैक्सीनेशन अवश्य लगवा लेनी चाहिये, साथ ही कुत्ते के काटने से हुए घाव को किसी डिटरजेंट या कपड़े धोने के साबुन से 15 मिनट धोकर स्प्रिट से साफ करने के बाद बीटाडिन या कोई भी एंटीबायोटिक क्रीम भी लगानी चाहिये। उन्होंने कहा कि आदर्श स्थिति तो यह होती है कि काटने के तुरंत बाद घाव को इस प्रक्रिया से साफ करना चाहिये लेकिन अगर उस समय साफ नहीं किया गया है तो अब घाव के रहने तक उसे कई बार डिटरजेंट या कपड़े धोने वाले साबुन से साफ कर स्प्रिट लगाकर एंटीबायोटिक क्रीम लगानी चाहिये, साथ ही घाव में इंजेक्शन भी लगवाना चाहिये।
उन्होंने सलाह दी कि जहां तक हो घाव को खुला रखना चाहिये, पट्टी नहीं बांधनी चाहिये। उन्होंने कहा कि हालांकि यह घटना केजीएमयू परिसर में हुई है और संस्थान में एक से बढ़कर एक विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं, वे निश्चित रूप से इस विषय में उचित कदम उठा रहे होंगे। लेकिन जो स्थितियां मैं समाचारों में सुन पा रहा हूं उसके आधार पर मैं यह सलाह दे रहा हूं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि घाव को डिटर्जेंट या कपड़े धोने वाले साबुन से धोने के सुझाव के पीछे यह मकसद होता है कि घाव में मौजूद संक्रमण के कीटाणु सतह पर आ जाते हैं ऐसे में इस प्रक्रिया से घाव को धोने से उन कीटाणुओं को नष्ट करना आसान हो जाता है।