-कर्मचारियों की मांगों को लगातार अनदेखी कर रही यूपी सरकार
-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने बुलायी आपातकालीन बैठक
सेहत टाइम्स
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ प्र ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि लगाया है कि प्रदेश सरकार कर्मचारी संगठनों की मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है यहां तक कि मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद मासिक बैठकें नहीं हो रही हैं। मंत्रीगण एवं मुख्य सचिव स्वयं भी बैठक नहीं कर रहे हैं। वर्तमान मुख्य सचिव के स्तर पर इस वर्ष में एक भी बैठक नहीं हुई है।
यह जानकारी देते हुए परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि आज आपातकालीन बैठक सुरेश रावत की अध्यक्षता में परिषद कार्यालय में हुई, जिसमें सम्बद्ध संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि बैठक में नाराजगी व्यक्त की गई कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों से ज्यादा काम तो लेना चाहती है परंतु उनकी समस्याओं की लगातार अनदेखी कर रही है। बैठक में कहा गया कि रिक्त पदों पर नियमित भर्ती नाम मात्र की जा रही है, स्वीकृत पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती की जा रही है।
श्री रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में पद खाली पड़े हैं उन पर नियमित नियुक्तियां एवं पदोन्नति या नहीं की गई हैं। जिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज बनाकर वहां कार्यरत कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग में वापस कर दिया गया है और पद वापस नहीं किए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारी भटक रहे हैं उनके वेतन देने की समस्या है। नए मेडिकल कॉलेज आउटसोर्सिंग से चलाए जा रहे हैं जो जनहित में उचित नहीं है, वहां पर नि:शुल्क इलाज बंद है ।
परिषद के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने खेद व्यक्त किया कि कैशलेस इलाज के तहत सांची संस्था द्वारा कार्ड बनाने एवं कार्ड नंबर जारी करने में रुचि नहीं लिया जा रहा है ।वेतन विसंगतियों एवं कैडर पुनर्गठन तथा सेवा नियमावलीआ भी लंबित पड़ी है ।उन्होंने बताया कि पद कर्मचारियों के काफी कमी के कारण सरकारी कार्य /अस्पताल प्रभावित हो गए हैं ।
महामंत्री ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि पोस्टरों/सभाओं के माध्यम से कर्मचारी जोड़ो आंदोलन चलाया जाएगा ।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जो राजनीतिक दल पुरानी पेंशन बहाली एवं नियमित भर्ती करने और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के नियमितीकरण की नीति बनाने का वादा करेगा आगामी चुनावों में कर्मचारी परिवार उसी को अपना वोट देंगे ।बैठक में मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया गया कि परिषद के पदाधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर शासन एवं कर्मचारियों के बीच आपसी सद्भाव का वातावरण बनाने के लिए कर्मचारियों की समस्याओं पर सार्थक निर्णय करें ।मांगों का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। परिषद की अगली बैठक नव वर्ष के प्रारंभ में बुलाई जाएगी। बैठक में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वी पी मिश्र ने कहा कि कर्मचारियों को अपने अस्तित्व के लिए एकजुट होकर जन आंदोलन करने की आवश्यकता हो गई है। बैठक में गिरीश मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सुनील यादव प्रमुख उपाध्यक्ष, डॉ पी के सिंह सचिव सुशील कुमार पाण्डे अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ, जी एम सिंह अध्यक्ष ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन, उमेश मिश्रा महामंत्री डिप्लोमा फ़ार्मासिस्ट एसोसिएशन धनंजय तिवारी अध्यक्ष बेसिक हेल्थ वर्कर, रोहित भारद्वाज अध्यक्ष ई सी जी टेक्नीशियन एसोसिएशन, राम मनोहर कुशवाहा अध्यक्ष एक्स-रे टेक्नीशियन, डीडी त्रिपाठी अध्यक्ष राजीव तिवारी महामंत्री डेंटल हाइजीनिस्ट एसोसिएशन ,अभय पांडे महामंत्री गन्ना कर्मचारी संघ, अनिल चौधरी महामंत्री प्रोवेंशियल फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन, आशीष पांडे महामंत्री फॉरेस्ट फेडरेशन, नीरज चतुर्वेदी महामंत्री सिचाई राजस्व अधिकारी संघ, राम नरेश यादव अध्यक्ष वन विभाग मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।