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संजय गांधी पीजीआई में सिर व गर्दन की सर्जरी सहित तीन नये विभागों को मंजूरी

-सिर व गर्दन की सर्जरी, बाल चिकित्सा एंडोक्राइनोलॉजी, संक्रामक रोग व वैक्सीन अनुसंधान विभाग खुलेंगे

-संस्‍थान की सामान्‍य निकाय की बैठक में रेजीडेंट की संख्‍या बढ़ाने को भी स्‍वीकृति

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में तीन नये विभाग सिर और गर्दन की सर्जरी, बाल चिकित्सा एंडोक्राइनोलॉजी और संक्रामक रोग व वैक्सीन अनुसंधान विभाग खुलेंगे। सिर और गर्दन के कैंसर की सर्जरी विभाग खुलने से बड़ी संख्‍या में होने वाले सिर और गर्दन के कैंसर वाले मरीजों का बेहतर और संगठित तरीके से इलाज किया जा सकेगा। बाल चिकित्‍सा एंडोक्राइनोलॉजी विभाग खुलने के बाद बच्‍चों में मधुमेह, मोटापा, थायराइड और प्रचलित अन्य विकारों के मामलों का इलाज पूरे ध्यान और समर्पण के साथ किया जा सकेगा। गले के कैंसर, बाल चिकित्सा जटिलताओं और हाल ही में हुई कोविड महामारी को देखते हुए ये नए विभाग बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन नए विभागों में विशेष उपचार की उपलब्धता से उत्तर प्रदेश राज्य को दीर्घकालिक लाभ होगा।

नये विभागों के खुलने की मंजूरी संस्‍थान की 21 सितम्‍बर को हुई 96वीं सामान्‍य निकाय की बैठक में दी गयी है। संस्‍थान के अध्‍यक्ष मुख्‍य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में नये विभागों को खोलने के अलावा रेजीडेंट डॉक्‍टरों की संख्‍या बढ़ाने का भी फैसला लिया गया। संस्थान के निदेशक, प्रो आर के धीमन और कार्यकारी रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी ने विभिन्न प्रशासनिक मामलों के साथ-साथ नए विभागों की शुरुआत, रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से संबंधित विभिन्न एजेंडा प्रस्तुत किए।

सिर व गर्दन के कैंसर रोगियों को मिलेगी बड़ी राहत

संस्‍थान द्वारा दी गयी जानकारी में बताया गया है कि जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश राज्य में किसी भी अस्पताल में एक समर्पित सिर और गर्दन की सर्जरी विभाग नहीं था। संजय गांधी पी जी आई में यह विभाग सिर और गर्दन के उन कैंसर के रोगियों के उपचार की आवश्यकता को पूरा करेगा, जो उत्तर प्रदेश राज्य में पाए गए कुल कैंसर के मामलों का 21% है।

बच्‍चों के मोटापा, थायरायड, डाइबिटीज जैसे रोगों के इलाज में होगा फायदा

इसी प्रकार बाल एंडोक्राइनोलॉजी विभाग द्वारा  बच्चों में शारीरिक विकास और किशोरावस्था से जुड़ी समस्याओं का उपचार किया जायेगा। ज्ञात हो संस्थान ने 2001 में बाल एंडोक्राइनोलॉजी में पहला औपचारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था। अब विभाग बनने के बाद मधुमेह, मोटापा, थायराइड और बच्चों में प्रचलित अन्य विकारों के मामलों का इलाज पूरे ध्यान और समर्पण के साथ किया जा सकेगा।

संक्रामक रोगों की वैक्‍सीन पर होगा कार्य

विज्ञप्ति में कहा गया है कि हाल ही में कोविड महामारी के बाद संक्रामक रोग और वैक्सीन विकास विभाग की बहुत जरूरत थी। यह नया विभाग विशेष रूप से स्वाइन फ्लू, जापानी इंसेफेलाइटिस, वायरल हेपेटाइटिस और कोरोना जैसे संक्रामक रोगों से निपटेगा।

बैठक में जनरल बॉडी ने नर्सिंग कॉलेज में बीएससी और एमएससी सीटों में भी वृद्धि और विभिन्न विभागों में नए पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी। निदेशक ने मुख्य सचिव को आश्वासन दिया कि  संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान उत्कृष्टता के लिए प्रयास कर रहा है और भविष्य में सर्वोत्तम संभव चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए सभी संसाधनों और सुविधाओं का बेहतर उपयोग और संवृद्धि की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने समग्र कार्यक्षमता में सुधार और शैक्षिक मानकों में सुधार की दिशा में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

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