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न तो शासन की मंशा और न ही नीति, फि‍र भी अगर ट्रांसफर हुए तो 1 जुलाई से आंदोलन

-स्‍वास्‍थ्‍य महानिदेशालय में तबादला की तैयारी पर भड़की राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद

-महानिदेशक के साथ वार्ता में ठोस आश्‍वासन न मिलने के बाद किया आंदोलन का ऐलान

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश शासन की तबादला नीति व सरकार की मंशा के विरुद्ध जाकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में समूह ग के कर्मचारियों का बड़ी संख्‍या में तबादला करने की तैयारी पर राज्य कर्मचारी संयुक्त  परिषद उत्तर प्रदेश ने गहरी नाराजगी जतायी है, इस मुद्दे पर आज महानिदेशक के साथ पुन: हुई वार्ता में महानिदेशक द्वारा कोई ठोस आश्‍वासन न मिलने पर परिषद ने एलान किया है कि अगर कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य करने वाले विभागीय कर्मियों के ट्रांसफर हुए तो पहली जुलाई से वृहद आंदोलन किया जायेगा। 30 जून तक की स्थिति का आकलन करते हुए उसी दिन 1 जुलाई से किये जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा तय की जायेगी।

यह जानकारी देते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त  परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि आज सोमवार 27 जून को परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष सुरेश रावत एवं महामंत्री अतुल मिश्रा के

नेतृत्व में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के महानिदेशक से वार्ता  की एवं  महानिदेशालय द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा जारी शासनादेश के आड़ में किये जा रहे पटल /क्षेत्र परिवर्तन के नाम पर हो रहे शोषण व भ्रष्टाचार पर अपना रोष व्यक्त किया।

अतुल मिश्रा ने महानिदेशक को अवगत कराया कि शासन की स्थानांतरण नीति में समूह ग एवं घ के लिए नीतिगत स्थानांतरण की कोई व्यवस्था नहीं है। समूह ग के लिए मात्र पटल परिवर्तन /क्षेत्र परिवर्तन के निर्देश हैं उसके विपरीत जाकर महानिदेशालय द्वारा समूह ग के कर्मचारियों की व्यापक स्थानांतरण की तैयारी की जा रही है जो पूर्ण रूप से गलत है व उसमें भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हो रहा है।

शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति में समूह ग एवं घ के लिए स्वयं के अनुरोध एवं प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण की व्यवस्था शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति में  दी गई है। उन्होंने महानिदेशक चिकित्सा एवं

स्वास्थ्य डॉ वेदव्रत से वार्ता के दौरान कहा कि यदि शासन की नीति के विपरीत जाकर समूह ग के कर्मचारियों का नीतिगत स्थानांतरण किया जाएगा तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आंदोलन के लिए बाध्य होगी ।

उन्‍होंने बताया कि महानिदेशक  द्वारा स्पष्ट किया गया कि शासन के निर्देश पर कार्यवाही हो रही है, जबकि महामंत्री का कहना था कि स्थानांतरण नीति में स्पष्ट व्यवस्था है कि मान्यता प्राप्त संगठनों के अध्यक्ष एवं सचिव, दिव्यांग, 2 वर्ष से कम सेवानिवृत्ति, गंभीर बीमारी के कार्मिकों को स्थानांतरण नीति में छूट प्रदान की जाएगी।

परिषद के पदाधिकारियों द्वारा स्पष्ट कहा गया कि यदि कोरोना वारियर्स का शोषण हुआ तो निश्चित रूप से प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा जिसने प्रदेश की समस्त विभागों की आवश्यक सेवा सम्मिलित होंगी।वार्ता में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री उमेश मिश्रा, लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के अध्यक्ष राम मनोहर कुशवाहा व महामंत्री दिलीप, ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जी एम सिंह  व महामंत्री अनुराग मिश्रा, डेंटल हाईजीनिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डी डी त्रिपाठी व महासचिव राजीव तिवारी,  फ़िज़ीओथेरपी एसोसिएशन के महामंत्री अनिल कुमार सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।             

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