-अस्पतालों में मिल रहीं सेवाओं पर मरीजों से फोन पर फीड बैक लेने की यूपी में अनूठी पहल शुरू की उप मुख्यमंत्री ने
-अच्छी सेवा मिलना मरीज का अधिकार, अगर नहीं मिले तो सरकार की कोशिश बेकार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। हेलो मैं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोल रहा हूं… माता जी अब आपकी तबीयत कैसी है… इलाज के दौरान अस्पताल में कोई दिक्कत तो नहीं हुई… किसी ने बाहर की दवा तो नहीं लिखी… डॉक्टर और कर्मचारियों का व्यवहार कैसा था… आप नि:संकोच बताएं…
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बुधवार को प्रदेश के 5 जिलों के 10 मरीजों को फोन करके ऐसे ही सवाल किए। डिप्टी सीएम ने इलाज करा रहे मरीजों से सरकारी अस्पतालों में मिल रही सुविधाओं की जानकारी तो ली ही साथ ही भविष्य में भी स्वास्थ्य संबंधी किसी भी तरह की परेशानी में सरकार के हमेशा साथ खड़े होने का भरोसा भी दिया। स्वास्थ्य सेवाओं की और बेहतरी के लिए उपमुख्यमंत्री ने यह अहम कदम उठाया है इस कदम से उप मुख्यमंत्री स्वयं मरीजों से रूबरू होंगे और उनसे फोन पर इलाज के बारे में पूरी जानकारी लेंगे और यदि किसी प्रकार की शिकायत मिली तो उसके लिए आवश्यक सुधार भी करेंगे।
मरीज से फीडबैक लेने की इस अनूठी पहल की शुरुआत डिप्टी सीएम ने उत्तर प्रदेश में पहली बार की है। इस बारे में आज एक पत्रकार वार्ता करके स्वयं डिप्टी सीएम ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का’ अभियान की शुरुआत हुई है, इसके तहत स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक से मरीजों का रोज का ब्यौरा मांगा गया है इसके तहत रोजाना प्रदेश के 5 जनपदों के कुछ मरीजों से फोन पर इलाज का फीडबैक लिया जाएगा जिन मरीजों से डिप्टी सीएम बात करेंगे उनका चुनाव अचानक किया जाएगा इसके बारे में किसी को भी पहले से पता नहीं होगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में सरकार किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ेगी रोज मरीजों से जानकारी लेकर ही कमियों के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मरीज परेशान हाल अस्पताल में पहुंचते हैं और अगर उनकी परेशानी का हल ना हो तो हमारे सारे प्रयास बेमतलब साबित होंगे इसलिए मरीजों का फीडबैक लेना जरूरी है।
बृजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रदेश है तथा यहां जिला स्तर के कुल 170 अस्पताल संचालित हो रहे हैं। उन्होंने बताया 45 मेडिकल कॉलेज मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं जबकि 14 मेडिकल कॉलेज अभी निर्माणाधीन हैं, इनके अलावा 943 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जबकि 3649 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जो मरीजों को प्राथमिक और स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सेवा दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त 25848 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं जो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहली सीढ़ी के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त 2200 एंबुलेंस का संचालन हो रहा है जो इमरजेंसी में घायलों को अस्पताल पहुंचा रही हैं, जबकि 2270 एंबुलेंस का संचालन गर्भवती महिलाओं के लिए तथा गंभीर मरीजों के लिए 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध है। ये सेवाएं पूरी तरह से मुफ्त हैं, उन्होंने बताया कि आज मैंने जिन मरीजों से बात की उनमें ज्यादातर मरीजों ने अस्पतालों में मिल रही चिकित्सा सुविधाओं को लेकर संतोष जताया है, मरीजों ने सरकार की योजनाओं का लाभ भी अस्पतालों में मिलने की पुष्टि की है।
डिप्टी सीएम ने आज जिन जनपदों के मरीजों को फोन करके जानकारी ली है उनमें हरदोई, शाहजहांपुर, एटा, बस्ती और लखनऊ शामिल हैं। डिप्टी सीएम का कहना है कि मरीजों से जिस प्रकार का फीडबैक लिया जाएगा उसमें मरीजों की भर्ती, मुफ्त दवा व जांच में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है, डॉक्टर-कर्मचारियों का मरीज और तीमारदारों के प्रति कैसा बर्ताव है, साफ-सफाई का क्या हाल है, कूलर, पंखे और एयर कंडीशनर की स्थिति क्या है, ओपीडी पंजीकरण यानी पर्चा बनने की स्थिति कैसी है, ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने का समय और वार्ड में डॉक्टरों के राउंड लेने का समय चेक किया जाएगा।