-कर्मचारियों ने आपस में सहयोग कर धनराशि एकत्र कर की शव वाहन की व्यवस्था, गाजीपुर भिजवाया
सेहत टाइम्स
लखनऊ। अक्सर समाचारों में सरकारी अस्पतालों में मरीज या तीमारदार से अभद्र व्यवहार करने जैसी घटनाओं की खबरें दिखा करती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं भी होती हैं जो दूसरों के लिए मिसाल हो सकती हैं, इन अस्पताल कर्मियों की कार्यशैली को सलाम करने वाली भी होती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ बुधवार को। रोजी-रोटी के लिए मजदूरी की तलाश में लखनऊ आये मजदूर की पत्नी की अचानक तबीयत खराब होने के बाद एकाएक मृत्यु होने से दुखी व्यक्ति की समझ में नहीं आ रहा था क्या करे, पत्नी की मृत्यु का दुख तो था ही, ऊपर से उसकी गरीबी का आलम यह कि शव को अपने घर यानी जनपद गाजीपुर तक ले जाने के लिए पैसे भी न होने पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के कर्मचारियों ने मजदूर की ओर सहायता का हाथ बढ़ाया और देखते ही देखते शव ले जाने की उसकी दिक्कत दूर की।
मिली जानकारी के अनुसार एक गरीब मजदूर आज गाजीपुर से लखनऊ रोजी-रोटी की तलाश में अपने छोटी-छोटी 4 बच्चियों के साथ लखनऊ रेलवे स्टेशन पहुंचा, बीवी की तबीयत खराब हुई तो उसे हजरतगंज स्थिति डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल ले जाने की सलाह दी गयी, लेकिन अस्पताल पहुंचने के पहले ही पत्नी ने दम तोड़ दिया।
बताया जाता है कि चिकित्सालय में पहुंचने पर उसने बताया कि उसके पास मृत शरीर को गाजीपुर ले जाने के लिए पैसे नहीं हैं, बच्चे भूख से परेशान थे।
इस पर इमरजेंसी के कर्मियों ने अस्पताल के अन्य कर्मियों के साथ आपस में सहयोग कर धन की व्यवस्था की और शव वाहन की व्यवस्था की और मृत शरीर को परिवार के साथ गाजीपुर भिजवाया। इमरजेंसी के इंचार्ज चीफ फार्मेसिस्ट सुनील यादव का कहन है कि चिकित्सालय के कर्मचारी हमेशा जनता के दुख में भागीदारी करने को तत्पर रहते हैं, उन्होंने इस नेक कार्य के लिए सभी चिकित्सा कर्मियो का धन्यवाद दिया।