-अब तक पांच बार लगातार लोकसभा चुनाव लड़ा है सीएम योगी ने, वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य
सेहत टाइम्स
लखनऊ। जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचलें भी तेज होती जा रही हैं। हालांकि अभी चुनाव में करीब दो से ढाई माह का समय माना जा रहा है, लेकिन सभी दलों ने कुछ समय पूर्व ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में भी तैयारियों का दौर चल रहा है। जैसा कि कहा जा चुका है कि इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी है, ज्ञात हो पिछली बार ये तीनों ही विधान सभा चुनाव नहीं लड़े थे। अब इस पर कयास शुरू हो गये हैं कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ की बात की जाये तो अपने राजनीतिक जीवन में योगी आदित्यनाथ ने अभी तक गोरखपुर से लोकसभा चुनाव ही लड़ा है, वे लगातार पांच बार चुनाव जीते हैं। ऐेसी स्थिति में इस बार योगी अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
योगी के विधानसभा चुनाव लड़ने का संकेत दिए जाने के बाद उनकी संभावित सीट को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। खुद मुख्यमंत्री के बयान से ही इस संभावना को बल मिला है कि वह गोरखपुर शहर के अलावा किसी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं।
पिछले दिनों लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने का अनुरोध भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा चुका है। भाजपा के पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने तो बाकायदा योगी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वे इस परम्परागत सीट से सिर्फ परचा दाखिल कर दें, बाकी वे पूरे प्रदेश का दौरा करें, यहां कार्यकर्ता अपनी पूरी लगन के साथ जीत का तोहफा उन्हें दे देगा।
लेकिन अब जो खबर आ रही है उसके अनुसार योगी आदित्यनाथ के जिस सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जतायी जा रही हैं, वह उस पवित्रधाम अयोध्या की सीट है, अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में यहां योगी आदित्यनाथ 30 बार आ चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पार्टी के रणनीतिकारों का सुझाव है कि योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ना चाहिये। ऐसे में अयोध्या से उनके चुनाव लड़ने की भी संभावना जताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि दीपावली के मौके पर गोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चुनाव लड़ने के बारे में कहा कि वह तो हमेशा चुनाव लड़े हैं। इस बार भी पार्टी जहां से कहेगी, वहां से लड़ेंगे। जब उनसे पूछा गया कि वह चुनाव कहां से लड़ेंगे, इस पर उनका जवाब था कि यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करता है। योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद यह माना जाने लगा है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यह उनके राजनीतिक जीवन का पहला विधानसभा चुनाव होगा।
बताया जा रहा है कि भाजपा योगी आदित्यनाथ सहित अपने सभी दिग्गजों को विधानसभा चुनाव में उतारने की योजना बना रही है। इसी योजना के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा सरकार के सभी कद्दावर मंत्रियों को भी चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की तैयारी चल रही है। बताया जाता है कि हालांकि पार्टी में अभी इस बात पर सहमति नहीं बन पाई है कि योगी आदित्यनाथ किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। दरअसल पार्टी के रणनीतिकारों द्वारा उन्हें अयोध्या सीट से चुनाव में उतारे जाने की सलाह के पीछे का तर्क यह है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने और अयोध्या के योगी आदित्यनाथ का विधानसभा क्षेत्र होने से प्रदेश में ‘मोदी-योगी’ के चेहरे पर चुनाव लड़ने पर पार्टी ज्यादा राजनीतिक फायदे में रहेगी। ज्ञात हो अयोध्या से भाजपा के मौजूदा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता पहले ही अपनी सीट मुख्यमंत्री को ‘ऑफर’ कर चुके हैं।
एक और खास बात यह है कि खुद मुख्यमंत्री गोरखपुर के बाद सबसे ज्यादा अयोध्या ही गए हैं। अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में योगी लगभग 30 बार अयोध्या गए हैं। उन्होंने जिले का नाम बदलकर अयोध्या करने के अलावा अपने हर सालाना बजट में अयोध्या के लिए योजनाएं घोषित कीं। दूसरी ओर एक धड़ा ऐसा भी है जो चाहता है कि योगी अपनी कर्मभूमि गोरखपुर से ही चुनाव में उतरें, उनका कहना है कि गोरखपुर में विकास के ढेर सारे काम भी हुए हैं।