Saturday , November 23 2024

केशव प्रसाद मौर्य और स्‍वाती सिंह से मिला कर्मचारी प्रतिनिधिमंडल

-मांगों पर मंत्रियों-विधायकों की सिफारिश का अनुरोध करने का अभियान जारी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा एवं उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं राज्‍यमंत्री स्वाति सिंह से भेंट कर ज्ञापन सौंप कर मांगों पर निर्णय कराने का अनुरोध किया।

शशि कुमार मिश्र के नेतृत्‍व में मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में गिरीश चन्द्र मिश्रा, मनोज कुमार मिश्रा, सुनील यादव, घनश्याम यादव, कैंसर रज़ा, गोमती त्रिवेदी, आरपीसिंह, शैलेश धानुक, रामकुमार रावत, शैलेन्द्र तिवारी सहित कई पदाधिकारी शामिल हुए थे।

मोर्चा के अध्यक्ष वी पी मिश्रा एवं महासचिव शशि कुमार मिश्र ने खेद व्यक्त किया कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों एवं शिक्षकों की मांगों पर गंभीर नहीं है। उन्‍होंने कहा कि मंत्रियों एवं विधायकों द्वारा जो ज्ञापन मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे जा रहे हैं उसे जनसुनवाई पोर्टल पर डालकर सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं विभागाध्यक्ष को भेजकर मांगों पर नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा जा रहा है।

नेताद्वय ने कहा कि जबकि उसे मुख्य सचिव को भेजकर उनसे बैठक करके मांगों पर निर्णय किये जाने के निर्देश दिये जाने चाहिये थे। उन्‍होंने कहा कि हमारी लम्बित मांगों में वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू करने, वेतन विसंगतियों को दूर करने, कैडर पुनर्गठन जिसमें राज्य कर्मचारियों के भांति स्थानीय निकायों एवं विकास प्राधिकरण तथा शिक्षणेतर कर्मियों की सेवाओं का पुनर्गठन करके समान वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाएं देने, निजी करण को रोककर रोडवेज सहित सभी घाटे के विभागों को सुदृढ़ करके कर्मचारियों को समस्त देयों का भुगतान करने, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन एवं ऑप्टोमेट्रिस्ट का वेतनमान को अन्य पैरामेडिकल संवर्ग के बराबर 4200 ग्रेड पे करने, नर्सेज का पदनाम परिवर्तित करने, सिंचाई ,वन ,वाणिज्यकर आदि विभागों की सेवा नियमावलियां जारी करने, आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बनाने, कैशलेस इलाज की सुविधा देने, तदर्थ माध्यमिक शिक्षकों को विनियमित करने आदि मांगें शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि  ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं करना चाहती है।

नेताद्वय ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली एवं महंगाई भत्ते के एरियर एवं अन्य काटे गए भत्तों की बहाली भी नहीं करना चाहती है। दोनों नेताओं ने कर्मचारियों को भी आगाह किया है कि आगामी चुनाव के बाद अधिकांश विभाग ,संस्थान ,निगमों ,स्थानीय निकायों ,विकास प्राधिकरण को निजी करण कर दिया जाएगा, इसकी प्रक्रिया अभी से प्रारंभ हो गई है।

जनपदों में मेडिकल कॉलेजों को पीपीपी मॉडल पर तथा जिला चिकित्सालय को लीज पर देने की कार्यवाही चल रही है। मोर्चा का मत है कि कर्मचारियों एवं शिक्षकों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा अगर सरकार कर्मचारियों की रोजी-रोटी समाप्त करने का प्रयास करेगी तो प्रदेश के कर्मचारी भी मुंह तोड़ जवाब देंगे। कर्मचारियों को जाति-धर्म के नाम पर बांटा नहीं जा सकता है।

मोर्चा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे मोर्चा की मांगों पर स्वयं बैठक करके सार्थक निर्णय करें जिससे शासन एवं कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति न बने। मोर्चा की 30 सितंबर की बैठक में अगले कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.