-फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट एसोसिएशन की अधिकारियों के साथ बैठक में अनेक मुद्दों पर वार्ता
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट एसोसिएशन की प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष के साथ वचुअर्ल बैठक में कोरोना से हुई कर्मचारियों की मौत के लिए उनके परिजनों को मिलने वाली 30 लाख की सहायता राशि के लिए जिलाधिकारियों को तत्काल प्रस्ताव भेजने पर निर्णय लिया गया। इस बैठक में विभाग की तरफ से सुनील पाण्डेय प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, पंकज मिश्र मुख्य वन संरक्षक प्रशासन, अशोक कुमार मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास एवं संजीव कुमार मुख्य वन संरक्षक नीति विश्लेषण एवं समन्वयक उपस्थित हुए तथा फेडरेशन की तरफ से उनके प्रान्तीय पदाधिकारियों सहित सभी मान्यता प्राप्त संगठनों के अध्यक्ष व महामंत्री उपस्थित हुए।
बैठक की जानकारी देते हुए फेडरेशन के अध्यक्ष नफीस खान एवं महासचिव आशीष पाण्डेय ने बताया कि फेडरेशन की तरफ से विगत 24 मई को 6 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया गया था जिस पर विभागाध्यक्ष स्तर पर बैठक की गयी। बैठक में विभागाध्यक्ष स्तर से सभी मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिये गये। उन्होने बताया कि विभागाध्यक्ष स्तर पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
इन निर्णयों में पहले निर्णय में तय हुआ पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमित होने के कारण दिवंगत वन कर्मियों के आश्रितों को 30 लाख की सहायता दिलाने का प्रस्ताव सम्बन्धित जिलाधिकारियों को तत्काल प्रेषित किये जाने के लिए निर्देशित किया गया। दूसरे निर्णय में कोविड-19 से संक्रमित कर्मियों एवं उनके परिवार के इलाज पर हुए व्यय का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर कराया जायेगा, जिसमें सबसे पहले चतुर्थ श्रेणी एवं उसके बाद उच्च वेतन क्रम में भुगतान की कार्यवाही की जायेगी।
इसी प्रकार तीसरे निर्णय में समूह -ग एवं घ के कर्मियों द्वारा स्वेच्छा से स्थानान्तरण सम्बन्घी प्राथना पत्रों पर कार्यवाही के लिए समिति का गठन किया गया। चौथे निर्णय के अनुसार वन कर्मियों के वैक्सीनेशन के लिए प्रत्येक जनपदों में जिलाधिकारी के माध्यम से कैम्प लगवाये जायेंगे तथा पांचवें निर्णय के अनुसार कर्मचारियों की पदोन्नति की कार्यवाही समयबद्ध रूप से किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक के अन्त में फेडरेशन के संरक्षक पियूष मोहन श्रीवास्तव एवं संयोजक डा0 पी0के0 सिंह द्वारा विभागाध्यक्ष को धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा आग्रह किया गया कि लिये गये सभी निर्णयों का अनुपालन प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराया जाय।